पन्ना:भारतीय संस्कृति में गुरू को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया जाता है. पन्ना जिले के एक स्कूल से जब एक गुरूजी रिटायर हुए तो पूरा गांव रो पड़ा. छात्राएं तो अपने शिक्षक से लिपटकर रोने लगीं. फूट-फूटकर रो रहीं छात्राओं को देख शिक्षक उमा प्रसाद द्विवेदी भी अपने आंसू नहीं रोक पाए.
शिक्षक उमा प्रसाद द्विवेदी के रिटायर होने पर विदाई समारोह
शासकीय कन्या माध्यमिक शाला खोरा में पदस्थ शिक्षक उमा प्रसाद द्विवेदी ने 42 साल तक अध्यापन कार्य किया. निर्विवाद रूप से छात्राओं और स्टाफ के चहेते, सभी से विनम्रता पूर्वक व्यवहार करने वाले शिक्षक के रिटायर होने पर विदाई समारोह का आयोजन किया गया. 7 दिसंबर को विद्यालय स्टाफ द्वारा विद्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह में पूरा गांव शामिल हुआ.
पन्ना के शिक्षक उमा प्रसाद द्विवेदी का विदाई समारोह (ETV Bharat) दिव्यांग युवक को लगा लिया गले
विदाई समारोह में विकासखंड शिक्षा अधिकारी, विद्यालय स्टाफ एवं नागरिकों ने उमा प्रसाद द्विवेदी के निर्विवाद कार्यकाल की सराहना की. शिक्षकों ने कहा कि उमा प्रसाद द्विवेदी ने बच्चियों को कभी मारना तो दूर, शायद ही कभी डांटा भी हो लेकिन उनके पढ़ाने का तरीका बहुत ही लाजवाब था. शिक्षक उमा प्रसाद द्विवेदी का पढ़ाया हुआ एक दिव्यांग युवक एक किमी दूर से किसी तरह कार्यक्रम में पहुंचा. जिसे देखते ही वे खुद उसके पास पहुंचे और उसे गले लगा लिया. उनका स्नेह देखकर सभी की आंखों में आंसू आ गए.
पन्ना के शिक्षक उमा प्रसाद द्विवेदी का रिटायरमेंट (ETV Bharat) फूट-फूट कर रोईं छात्राएं
छात्राओं के सबसे चहेते शिक्षक उमा प्रसाद द्विवेदी जैसे ही विदाई समारोह के बाद स्कूल से जाने लगे तो सैकड़ों छात्राएं फूट-फूटकर रोने लगीं. जिन्हें नम आंखों से वे समझाते बुझाते नजर आए. इस दौरान पहुंचे गांव के लोगों की आंखों में भी आंसू आ गए. गृह ग्राम रवाना होने से पहले वे गांव के सभी लोगों से मिले और गांव का भ्रमण किया. इस दौरान कई लोग उनसे लिपट-लिपटकर रोते दिखे.
बता दें कि शिक्षक उमा प्रसाद द्विवेदी बांदा के ग्राम पुंगरी करतल के रहने वाले हैं. उन्होंने अजयगढ़ विकासखंड के खोरा में पदस्थापना होने के बाद 42 साल तक सेवा दी और उनका छात्राओं एवं विद्यालय स्टाफ सहित संपूर्ण ग्रामवासियों से अटूट लगाव था.