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गुरुजी की जातिवादी जेहनियत, बच्चों से नफरत ऐसी कि सुनकर मां-बाप का फट गया कलेजा - School Untouchability Case Panna

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 1:59 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 2:07 PM IST

पन्ना जिले में एक स्कूल में छूआछुत का मामला सामने आया है. जहां शिक्षक द्वारा स्कूल के बच्चों के साथ जातीय आधार पर भेदभाव किया करने के गंभीर आरोप लगे हैं. आरोप बच्चों के मां बाप ने लगाए हैं और इसकी शिकायत स्कूल शिक्षा विभाग में की है.

cast based untouchability panna
स्कूल में बच्चों से जातीय आधार पर भेदभाव (Getty Image)

पन्ना: एक तरफ जहां देश विश्वगुरू बनने के बड़े बड़े दावे कर रहा है, वहीं आजादी के 75 साल बाद भी देश कुंठित मानसिकता से बाहर नहीं निकल पा रहा है. पन्ना जिले में स्कूल टीचर द्वारा छात्रों के साथ भेदभाव करने का मामला सामने आया है. टीचर जाति के हिसाब से बच्चों से अलग-अलग व्यवहार करता है. शिक्षक जाति विशेष के आधार पर बच्चों से स्कूल में शौचालय साफ कराता है, उन्हें क्लास रूम में अलग-अलग बैठाता है. इसके अलावा और कई तरीकों से बच्चों के साथ भेदभाव करता है.

बच्चों के साथ स्कूल में किया जाता है छूआछुत (ETV Bharat)

पानी पीने से लेकर क्लास रूम में बैठने तक भेदभाव
मामला पन्ना के अजयगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत पिष्टा के देवपुर प्राथमिक विद्यालय का है. विद्यालय के टीचर सीताराम ने शिक्षक की प्रतिष्ठा को धुमिल कर दिया है. सीताराम स्कूल में छोटे छोटे बच्चों के साथ जाति के आधार पर भेदभाव करता है. मामला तब सामने आया जब बच्चों के परिजनों ने मामले की शिकायत डीपीसी जन शिक्षा केंद्र अजय गुप्ता से की. परिजनों ने आरोप लगाया कि, टीचर बच्चों को उनकी जाति के आधार पर क्लास रूम में अलग-अलग बैठाता है. स्कूल के मैदान में लगे हैंडपंप से भी सभी बच्चों को पानी नहीं पीने देता. इन सबके अलावा जाति विशेष के बच्चों से शौचालय की सफाई, क्लास रूम की सफाई आदि काम करवाया जाता है.

क्या कहते हैं शिक्षा विभाग के अधिकारी

मामले में डीपीसी जन शिक्षा केंद्र अजय गुप्ता का कहना है कि वो इसकी जांच करा रहे हैं. जन शिक्षक ने जांच की रिपोर्ट सबमिट हो गई है और जैसे ही उनके पास पूरी जानकारी और रेकमेंडेशन की कॉपी आएगी एक्शन लिया गया है. उन्होने कहा कि पहले भी मिड डे मील को लेकर एक शिकायत आई थी उस पर कार्रवाई की गई है.

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पैसो के अभाव में सब सहने को मजबूर
बच्चों को दोपहर में माध्याह्न भोजन के दौरान भी जाति भेदभाव का सामना करना पड़ता है. जाति के आधार पर खाने के लिए अलग-अलग लाइन लगती है. कुछ जाति विशेष के बच्चों को थाली में रोटी मिलती है तो कुछ जाति के बच्चों को दूर से जमीन पर रोटी मिलती है. खाना खाने के बाद बच्चे अपनी थाली खुद धोते हैं. जाति भेदभाव का शिकार बच्चे गरीब घरों से संबन्ध रखते हैं. बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि, बच्चे स्कूल में पढ़ने जाना नहीं चाहतें, लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि उन्हें किसी प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिला सके. इसलिए बच्चों को समझा-बुझाकर स्कूल भेजते हैं.

Last Updated : Jul 17, 2024, 2:07 PM IST

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