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फर्जी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर हो गई गेस्ट टीचर्स की भर्ती, कोर्ट के आदेश पर 19 शिक्षकों पर FIR - GUEST TEACHER RECRUITMENT RAJNAGAR

राजनगर सिविल कोर्ट ने पुलिस ने सभी आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ 30 दिन के भीतर मामले में प्रगति रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.

Rajnagar guest teacher recruitment fraud
कोर्ट के आदेश पर 19 शिक्षकों पर हुई FIR (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 8:27 AM IST

Updated : Jan 23, 2025, 8:40 AM IST

छतरपुर: राजनगर सिविल कोर्ट ने एक बड़े शैक्षणिक घोटाले में अहम फैसला सुनाते हुए शिक्षा विभाग के 20 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. जिसके बाद राजनगर पुलिस ने 22 जनवरी को धारा 420, 465, 469 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है. यह मामला वर्ष 2017-18 में राजनगर विकासखंड के संकुल कर्री में हुए अतिथि शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले से जुड़ा है.

तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति का आरोप

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमोघ अग्रवाल ने पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया है. जांच में पाया गया कि तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी राजनगर और संकुल प्राचार्य कर्री सहित अन्य कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की और लाखों रुपये की राशि अपने चहेतों के खातों में ट्रांसफर कर दी.

शिकायतकर्ता रविंद्र मिश्रा पिछले 8 वर्षों से इस मामले में न्याय की गुहार लगा रहे थे. उन्होंने शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को कई बार आवेदन दिया, लेकिन अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की. अंततः उन्होंने अधिवक्ता पवन मिश्रा के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर किया. कोर्ट ने सभी आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ 30 दिनों के भीतर प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है.

न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि इस घोटाले में नामजद आरोपियों के अलावा भी कई अज्ञात शिक्षा अधिकारी और शिक्षक शामिल हैं. जांच के बाद उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

समिति की जांच में दोषी पाए गए शिक्षक, लेकिन उन पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

शिकायतकर्ता रविंद्र मिश्रा ने बताया "अतिथि शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति कर वेतन का भुगतान किया गया था. जब मैंने शिकायत की तो काफी समय बीत जाने के बाद समिति बनाई गई, जिसमें सभी शिक्षक दोषी पाए गए थे. उन सभी शिक्षकों की वेतन में से वसूली की गई लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. आला अधिकारियों ने मामले को दबा दिया."

उन्होंने आगे कहा "मैंने आरटीआई से पूरे दस्तावेज निकाले और छतरपुर से भोपाल तक शिकायत की पर कोई कार्रवाई न होने के बाद मैं न्यायालय की शरण में गया. माननीय न्यायालय ने 19 नामजद शिक्षकों और अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की निर्देश दिए हैं. मामले को 7 से 8 वर्ष हो गए हैं, जिसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई थी उल्टा मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था."

पुलिस अधीक्षक ने कहा, मामले की हो रही विवेचना, जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर होगी कार्रवाई

छतरपुर SP अगम जैन का कहना है "राजनगर थाने में एक FIR दर्ज हुई है. कोर्ट के आदेश पर 20 लोगों पर धोखाधड़ी संबंधी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. मामले की विवेचना की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी."

छतरपुर: राजनगर सिविल कोर्ट ने एक बड़े शैक्षणिक घोटाले में अहम फैसला सुनाते हुए शिक्षा विभाग के 20 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. जिसके बाद राजनगर पुलिस ने 22 जनवरी को धारा 420, 465, 469 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया है. यह मामला वर्ष 2017-18 में राजनगर विकासखंड के संकुल कर्री में हुए अतिथि शिक्षक भर्ती में कथित घोटाले से जुड़ा है.

तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी और संकुल प्राचार्य पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति का आरोप

न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अमोघ अग्रवाल ने पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया है. जांच में पाया गया कि तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी राजनगर और संकुल प्राचार्य कर्री सहित अन्य कर्मचारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की और लाखों रुपये की राशि अपने चहेतों के खातों में ट्रांसफर कर दी.

शिकायतकर्ता रविंद्र मिश्रा पिछले 8 वर्षों से इस मामले में न्याय की गुहार लगा रहे थे. उन्होंने शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को कई बार आवेदन दिया, लेकिन अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की. अंततः उन्होंने अधिवक्ता पवन मिश्रा के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दायर किया. कोर्ट ने सभी आरोपी लोक सेवकों के खिलाफ 30 दिनों के भीतर प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है.

न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि इस घोटाले में नामजद आरोपियों के अलावा भी कई अज्ञात शिक्षा अधिकारी और शिक्षक शामिल हैं. जांच के बाद उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

समिति की जांच में दोषी पाए गए शिक्षक, लेकिन उन पर नहीं हुई कोई कार्रवाई

शिकायतकर्ता रविंद्र मिश्रा ने बताया "अतिथि शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति कर वेतन का भुगतान किया गया था. जब मैंने शिकायत की तो काफी समय बीत जाने के बाद समिति बनाई गई, जिसमें सभी शिक्षक दोषी पाए गए थे. उन सभी शिक्षकों की वेतन में से वसूली की गई लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. आला अधिकारियों ने मामले को दबा दिया."

उन्होंने आगे कहा "मैंने आरटीआई से पूरे दस्तावेज निकाले और छतरपुर से भोपाल तक शिकायत की पर कोई कार्रवाई न होने के बाद मैं न्यायालय की शरण में गया. माननीय न्यायालय ने 19 नामजद शिक्षकों और अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की निर्देश दिए हैं. मामले को 7 से 8 वर्ष हो गए हैं, जिसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई थी उल्टा मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था."

पुलिस अधीक्षक ने कहा, मामले की हो रही विवेचना, जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर होगी कार्रवाई

छतरपुर SP अगम जैन का कहना है "राजनगर थाने में एक FIR दर्ज हुई है. कोर्ट के आदेश पर 20 लोगों पर धोखाधड़ी संबंधी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. मामले की विवेचना की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी."

Last Updated : Jan 23, 2025, 8:40 AM IST
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