पन्ना।पूरे जिले में सोमवार को होली की धूम रही. महामती प्राणनाथ जी मंदिर प्रांगण में मथुरा व वृंदावन की तर्ज पर हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से लोगों ने आकर श्रृद्धाभाव से होली पर्व मनाया. खास बात ये है कि यहां केमिकलयुक्त रंगों का प्रयोग नहीं होता. सिर्फ फूलों के रंग के साथ ही शुद्ध गुलाल केसर के रंग का इस्तेमाल होली में किया जाता है. सबको पहले से बता दिया जाता है किसी को भी केमिकलयुक्त गुलाल का इस्तेमाल नहीं करना. सभी भक्त इन निर्देशों को मानते हैं.
चांदी की पिचकारी से केसर रंग की बरसात
महामती प्राणनाथ मंदिर प्रांगण में सोमवार सुबह से भक्तों का आना शुरू हो गया. यहां दिनभर फागों का दौर चलता रहा. महामती प्राणनाथ जी मंदिर में होलिकादहन के एक दिन पूर्व ही फागों के स्वरलहरी बिखरने लगती हैं. इस दौरान का दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है. होली जलने के दूसरे दिन दोपहर 12 बजे से फागों का गायन शुरू होता है, जिसमें महिला, पुरुष, बच्चे सभी शामिल रहते हैं. शाम 4 बजे से माहौल बदलने लगता है. हजारों श्रद्धालु श्रीजी के रंग में रंगने लगते हैं. यहां चांदी की पिचकारी में रंग भरकर सभी श्रद्धालु केसर मिश्रित सुगंधित रंगों के साथ-साथ फूलों की पंखुड़ियों की बरसात करते हैं.
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