नर्मदापुरम. प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी के पोलो गार्डन में लगने वाली रोज़ सेंटेड लीची पर्यटकों को लुभा रही है. पचमढ़ी पहुंचने वाले पर्यटक लीची लेने पोलो ग्राउंड पहुंच रहे हैं. उद्यानिकी विभाग के पोलो ग्राउंड में लगी लीची का स्वाद दूर-दूर से पहुंचे पर्यटकों को लुभा रहा है. उद्यानिकी विभाग की मानें तो बिहार, मुजफ्फरपुर की लीची तो देश भर में प्रसिद्ध है लेकिन पचमढ़ी की लीची रोज सेंटेंड होने के कारण पर्यटकों को ज्यादा पसंद आ रही है.
3 लाख में नीलाम हुए लीची के पेड़
इस बार मौसम अच्छा होने से पचमढ़ी की लीची पैदावार और डिमांड दोनों बढ़ी है. यही वजह है कि इस बार 17 लीची के पेड़ों की नीलामी 3 लाख रुपए में हुई है. पचमढ़ी के उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक रामशंकर शर्मा ने कहा, '' लीची के लिए साल का शुरुआती मौसम अच्छा था जिससे लीची की पैदावार अच्छी हुई है. 30 अप्रैल को लीची के सभी पेड़ों की नीलामी की गई है. 17 पेड़ 3 लाख एक हजार रु में नीलाम किए गए हैं. पिछले साल की तुलना में इस बार लीची की अच्छी कीमत प्राप्त हुई है.''
बिहार की लीची से काफी बेहतर
उन्होंने बताया कि पूरे हिंदुस्तान में लीची बिहार के मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा होती है. पूरे देश में सबसे ज्यादा लीची की सप्लाई वहीं से होती है. लेकिन पचमढ़ी में जो ठंडक है उससे और यहां के वातावरण की वजह से यहां की लीची में गुलाब की खुशबू आती है. यह सेंटेड किस्म की लीची बिहार की लीची से बेहतर मानी जाती है. यहां पर्यटकों भी भारी तादाद में आते हैं, इसलिए यहां लीची की कीमत भी अच्छी मिल जाती है.