पटना: बिहार के हर घर में सरकार बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लगा रही है. साथ ही लोगों को इसके फायदे भी बता रही है. आंकड़े बताते हैं कि बिहार में अब तक 56.03 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं. लेकिन दूसरी तरह विपक्ष स्मार्ट मीटर को खराब बता रहा है. विपक्ष की मानें तो स्मार्ट मीटर के खिलाफ जल्द ही बिहार बंद का ऐलान किया जाएगा.
लोग स्मार्ट मीटर से परेशान हैं- कांग्रेस : कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने कहा कि ''जब भी हमलोग सदन में स्मार्ट मीटर पर अपनी बात रखते हैं तो सरकार उसका जवाब नहीं देती है. बिहार के ऊर्जा मंत्री बातों को घुमाना चाहते हैं. स्मार्ट मीटर गरीबों के लिए, हम सब के लिए खराब है. जिस तरह का घोटाला स्मार्ट मीटर को लाने में किया गया है.''
बिहार में बिजली के स्मार्ट मीटर पर संग्राम (Etv Bharat)
'बिहार में सबसे बड़ा स्मार्ट मीटर घोटाला है' :आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि, ''चाहे गरीब हो या अमीर स्मार्ट मीटर सबका जेब खाली करने का तरीका है. जिस तरह से इसके सचिव जेल में है, ठीक उसी तरह माननीय मंत्री की भी जांच होनी चाहिए. जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि आखिर कितने का घोटाला हुआ है और कौन-कौन लोग इस घोटाले में शामिल हैं.''
'स्मार्ट मीटर के खिलाफ बिहार बंद जल्द' : माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि, ''स्मार्ट मीटर आज खून चूसने वाला मीटर बन गया है, इसे बंद करना बहुत जरूरी है. बिहार में स्मार्ट मीटर घोटला हुआ है. क्योंकि यहां कलेक्टर और पुलिस बल की ताकत से गरीबों के मकान में 53 लाख स्मार्ट मीटर लगाया गया है.''
''खास लोगों के लिए यह पॉलिसी लाई गई. इसलिए स्मार्ट मीटर नहीं चलेगा, बिहार की जनता इसे रिजेक्ट करती है. हम जल्द ही इसके खिलाफ सड़क पर उतरेंगे और बिहार बंद बुलाएंगे.''- महबूब आलम, माले विधायक दल के नेता
विपक्ष का सवाल, ऊर्जा मंत्री का जवाब:प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर विपक्ष के आरोपों को बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने सिरे से खारिज किया है. उन्होंने कहा कि, स्मार्ट मीटर में कोई गड़बड़ी नहीं है. अब तक शहरी इलाकों में 18 लाख और ग्रामीण इलाकों में 38.03 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं.
a) विपक्ष का जवाब : ISI के मानदंड के आधार पर कोई मीटर बना रहा है. तो क्या वह सही होगा?
ऊर्जा मंत्री का जवाब :जो मानक निर्धारित है, कंपनियां सर्टिफिकेट लेती है, उसी के आधार पर उसे टेंडर दिया जाता है. कभी-कभी तकनीकि खराबी होती है.
b) विपक्ष का जवाब :ISI क्या सभी मीटरों को टेस्ट करती है?
ऊर्जा मंत्री का जवाब :''आप लिख कर दीजिए, कहां गड़बड़ी है, हम जांच करेंगे.''
c) विपक्ष का जवाब : 18 लाख मीटर में से कितनों की सैंपल जांच की गई? उसमें से सही कितने और खराब कितने मिले?
ऊर्जा मंत्री का जवाब : ''अगर खराब है तो बताएं''
d) विपक्ष का सवाल: अक्टूबर-नवंबर में जब सभी घरों में एसी बंद होता है तो अधिक वसूली के लिए सर्वर डाऊन कर पिछले महीने के आधार पर एवरेज बिल वसूला जाता है. ऐसा क्यों?
ऊर्जा मंत्री का जवाब :''अगर ऐसा कुछ है तो इसकी जांच करवा लेंगे.''
e) विपक्ष का सवाल: स्मार्ट मीटर और पुराने मीटर को सीरीज में लगाकर संतुष्ट किया गया है. क्या सरकार स्मार्ट प्रीपेड मीटर की घोटाले की जांच सदन की विशेष समिति बनाकर कराना चाहती है?
ऊर्जा मंत्री का जवाब: ''कुछ दिन पहले ये लोग इधर थे तो स्मार्ट मीटर में कोई गड़बड़ी नहीं थी. जब उधर चले गए तो ज्ञान की पराकाष्ठा आगे बढ़ गई है. अब सब कुछ खराब है. ऐसे राजनीतिक सवाल का कोई जवाब नहीं है.''
आखिर क्या है स्मार्ट मीटर के विरोध का सच? : दरअसल, सरकार की तरफ से जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद बिहार के कई जिलों से स्मार्ट मीटर को लेकर विरोध देखने को मिल रहा है. ऐसे जब हमने लोगों से पूछा कि स्मार्ट मीटर का विरोध क्यों? उनका कहना था कि मीटर तेजी से चलता है, बिजली बिल पहले के मुकाबले दोगुना आ रहा है.
क्या सच में स्मार्ट मीटर तेज चलते हैं? :इसकी पड़ताल में हमने पाया कि स्मार्ट मीटर से जुड़ीं बातें अफवाह भर है. पटना के अशोक नगर के अमन कुमार ने बताया कि ''हमारा स्मार्ट मीटर ठीक चल रहा है. ये भ्रान्ति है कि मीटर तेज-तेज चलते हैं. हम जितना खर्च करते हैं उसी के मुताबिक बिल आता है. समय से हम स्मार्ट मीटर रिचार्ज करते हैं और कोई परेशानी नहीं है.''
'क्योंकि लोगों को पुराने सिस्टम की आदत है?' : वहीं पटना के बोरिंग रोड निवासी रंजीत कुमार ने बताया कि, प्री-पेड मीटर मोबाइल फोन की तरह काम करता है. रिचार्ज खत्म होने पर आप रिचार्ज कर सकते हैं. पांच दिनों का ग्रेस पीरियड आपको मिलता है. अगर उस बीच आप रिचार्ज नहीं कराएंगे. तब जाकर आपकी बिजली कटेगी. इसलिए लोगों के बीच ज्यादा अवेयरनेस फैलाने की जरुरत है.
''हां, इस बीच अगर छुट्टी है तो भी आपकी बिजली नहीं कटेगी. क्योंकि लोगों को पुराने सिस्टम की आदत है. जब भी नई चीज आती है तो लोगों को परेशानी होती है. स्मार्ट मीटर के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.''- रंजीत कुमार, बोरिंग रोड, पटना
बिहार में स्मार्ट मीटर से बंपर कमाई : पिछले दिनों स्मार्ट मीटर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई कि बिजली कंपनी ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर से बंपर कमाई की. नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक डॉ निलेश रामचंद्र देवरे ने बताया कि ''16 अक्टूबर को उत्तर बिहार के करीब 38 लाख उपभोक्ताओं ने 10.83 करोड़ का प्रीपेड रिचार्ज किया, जो रिकॉर्ड है. इससे पहले 18 सितंबर को यानी एक दिन में 7.58 करोड़ कमाई हुई थी.''
स्मार्ट मीटर के लिए किया जा रहा जागरूक : हालांकि, बिहार के विभिन्न जिलों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर सरकार लोगों को जागरूक करने का काम भी कर रही है. चाहे नुक्कड़ नाटक हो या फिर डीजिटल माध्यम से लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदे बताए जा रहे हैं.
स्मार्ट मीटर कैसे काम करता है :फोन की तरह स्मार्ट मीटर में सिम कार्ड होता है. जो एक नेटवर्क से जुड़ा होता है. मशीन को बिजली मीटर के अकाउंट नंबर से सिम के जरिए डेटा प्राप्त होता है. इस डेटा के आधार पर बिजली बिल जेनरेट होता है.