नई दिल्ली: कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) यूजी की परीक्षा में जिन छात्रों ने एक भाषा और चार डोमेन विषय (12वीं के विषय) नहीं चुने हैं, उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के ऑनर्स कोर्सेज में दाखिला नहीं मिल सकेगा. उन्हें बीए और बीकाम कोर्सेज में दाखिले का विकल्प मिलेगा. एक भाषा, एक डोमेन विषय और जनरल टेस्ट में बैठना सभी के लिए पहले से ही अनिवार्य है. यह जानकारी डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी ने दी.
उन्होंने बताया कि डीयू में स्नातक के 79 स्नातक कोर्स का चुनाव 69 कालेजों की 71 हजार सीट के लिए किया जा सकता है. डीयू में प्रवेश सीएसएएस पोर्टल के जरिए ही होते हैं. कोई कट ऑफ जारी नहीं होती न ही मेरिट होती है. छात्रों को प्रवेश के लिए सबसे जरूरी कोर्स व कॉलेज का चुनाव है. सीयूईटी के परिणाम घोषित होने और डीयू के दूसरा चरण शुरू होने के बाद इसकी जरूरत होगी. छात्र बायीं तरफ अपने 12वीं के विषय और दायीं तरफ जिन विषयों में सीयूईटी दिया है, इसका मिलान करेंगे. इसके लिए 12वीं और सीयूईटी के विषयों का मेल खाना जरूरी है. कम से कम उनका पाठ्यक्रम 50 प्रतिशत मिलता-जुलता होना चाहिए. पहले कोर्स का मिलान करना होगा और फिर एलिजिबिलिटी किन कोर्स में आ रही है, वो देखना होगा.
सीयूईटी में चुने गए विषयों के आधार पर ही आपको एलिजिबिलिटी दिखाई देगी. प्रिफरेंस (वरीयता) भरते वक्त उनको सेव करना न भूलें. सारे प्रोग्राम की प्रिफरेंस भर जाएंगी तो डीयू सिमुलेटेड (संभावित) रैंक जारी करेगा. इसको देखकर आप प्रिफरेंस को आगे पीछे कर सकते हैं. जिस कालेज व कोर्स में आप प्रवेश चाहते हैं, उसे पहले स्थान पर रखें. एक बार भरने के बाद प्रिफरेंस को घटा या बढ़ा नहीं सकते. सिर्फ आगे-पीछे ही कर सकते हैं. इसलिए इन्हें ध्यान से भरें. जब सीट का आवंटन होगा तो अपग्रेड और फ्रीज का विकल्प आएगा.