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धर्मशाला पहुंची NSG कमांडो की टीम, 'आतंक के खिलाफ ऑपरेशन' को दिया अंजाम - NSG commandos Dharamsala

धर्मशाला में एनएसजी कमांडो की टीम पहुंची हुई है. ब्लैक कैट कमांडो के नाम मशहूर एनएसजी धर्मशाला क्यों पहुंची. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 4 hours ago

मॉक ड्रिल में भाग लेते एनएसजी कमांडो
मॉक ड्रिल में भाग लेते एनएसजी कमांडो (ETV BHARAT)

धर्मशाला: एनएसजी की गिनती दुनिया में तेज तर्रार कमांडो के रूप में होती है. इसे ब्लैक कैट भी कहा जाता है. इसका गठन आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए जाता है. 26/11 को मुंबई में हुए आतंकी हमले को काउंटर करने के लिए एनएसजी का बड़ा योगदान रहा था.

इन दिनों एनएसजी की टीम धर्मशाला पहुंची है. इस दौरान एनएसजी की टीम ने बम और लो एक्सलोसिव को भी विभिन्न टीमों की मदद से डिफ्यूज किया. एनएसजी, पुलिस विभाग के साथ फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर मौजूद रही, जिन्होंने आतंकी घटना के दौरान कई अहम सुराग जुटाने और जांच पड़ताल करने में भी मदद की. ये सब धर्मशाला हो रही एनएसजी की मॉकड्रिल का हिस्सा था. ये मॉक ड्रिल रविवार के बाद सोमवार को भी होनी है.

एनएसजी के साथ अन्य टीमों ने लिया विभाग

जिला मुख्यालय धर्मशाला में एनएसजी, पुलिस विभाग, फॉरेंसिक टीम, स्वास्थ्य विभाग की टीम सहित अन्य विभागों ने काउंटर आंतकवाद और काउंटर हाईजैक के भविष्य में खतरे से निपटने के दृष्टिकोण से एक मॉक ड्रिल में भाग लिया. इस अभ्यास के दौरान धर्मशाला के विभिन्न जगहों को एनएसजी की ओर से चिन्हित किया गया था. जहां ये मॉक ड्रिल हुई थी. इस दौरान एनएसजी कमांडो सहित जिला कांगड़ा पुलिस के उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे.

एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री (ETV BHARAT)

एसपी कांगड़ा की शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि, 'एनएसजी समय समय पर इस तरह की मॉक ड्रिल का आयोजन करती है. इस बार एनएसजी ने इस काउंटर आंतकवाद और काउंटर हाईजैक से किस तरह निपटा जाता है उसको लेकर जिला कांगड़ा व कुल्लू को चुना. मॉक ड्रिल में एनएसजी कमांडो सहित पुलिस विभाग के कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग, फॉरेंसिक टीम और एनडीआरएफ की टीम ने भी भाग लिया और किस तरह से आपदा की स्थिति से निपटा जा सकता इसको लेकर अपनी क्षमता को भी जांचा. जिला कांगड़ा में कोई भी आंतकवादी घटना घटित होती है यह फिर कहीं पर बम मिलने की सूचना प्राप्त होती है तो किस तरह से एनएसजी से सम्पर्क किया जाना है उसको लेकर भी अभ्यास किया गया है.'

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