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क्या रोजाना ब्रश करने के बाद भी आपके मुंह से आती है बदबू? इन बीमारियों की चपेट में तो नहीं, तुरंत कराएं जांच - CAUSES OF BAD BREATH

सांसों की दुर्गंध एक ऐसी समस्या है जो दूसरों के सामने शर्मिंदगी का कारण बनती है, जानें ऐसा होना किसी बीमारी का संकेत तो नहीं?

Does your mouth smell bad even after brushing your teeth daily? Are you suffering from these 5 diseases?
क्या रोजाना ब्रश करने के बाद भी आपके मुंह से आती है बदबू? (FREEPIK)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Jan 19, 2025, 6:01 AM IST

मुंह से बदबू आना बहुत ही आम समस्या है. ज्यादातर लोग मुंह से बदबू आने को खराब हाइजीन या पेट के खराब होने से जोड़ कर देखते हैं लेकिन इस समस्या के लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं. यहां तक कि ऐसा होना किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है. कई बार दांतों या मसूड़ों के रोग, कुछ बीमारियां जैसे किडनी में समस्या या डायबिटीज आदि, हार्मोन्स में बदलाव या पेट या पाचन संबंधी समस्याएं भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.

सांसों से बदबू आने की समस्या को हैलिटोसिस कहते हैं. यह आमतौर पर मुंह की खराब स्वच्छता की वजह से होती है. डॉक्टर्स मानते हैं कि ज्यादातर मामलों में मुंह में हाइजीन की कमी जैसे दांतों में आहार के कण लंबे समय तक बचे रह जाना, दांतों पर प्लाक या कैविटी होना, जीभ की सफाई ना होना, मसूड़ों में सूजन या इंफेक्शन होना तथा दांतों में पायरिया या अन्य रोग होना मुंह से लगातार बदबू आने का कारण होते हैं. लेकिन कई बार मुंह या सांसों से दुर्गंध आना किसी बड़ी समस्या का संकेत भी हो सकती है.

मुंह से बदबू आने का कारण : दिल्ली के ऑर्थोडॉन्टिस्ट डॉ आलोक परमार बताते हैं कि मुंह से बदबू आने के लिए कई मेडिकल और नॉन मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं...

हाइजीन की कमी : वह बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ बच्चे ही अच्छी तरह से दांतों की सफाई या ब्रश नहीं करते हैं. ऐसे वयस्कों की संख्या भी काफी ज्यादा है जिन्हे मुंह, जीभ तथा दांतों की सफाई या देखभाल का सही तरीका पता नहीं होता है, और यदि पता होता भी है तो वे उसका पालन नहीं करते हैं. जैसे दिन में दांतों को सही तरह से कम से कम दो बार साफ ना करना, दांतों में फ्लॉस का इस्तेमाल ना करना, जीभ की नियमित रूप से सफाई ना करना या दांतों की नियमित जांच ना कराना आदि. जिसके कारण जीभ व दांतों के बीच में जमा गंदगी तथा उनके कारण पनपने वाले रोग मुंह से बदबू आने का कारण बनने लगते हैं.

मसूड़ों और दांतों से जुड़े रोग : वह बताते हैं कि मुंह में हाइजीन की कमी बैक्टीरियल इंफेक्शन या दांतों व मसूड़ों के रोगों (पीरियडोंटल रोग) का कारण बन सकती है. इसके अलावा दांतों पर जमा प्लाक भी इस समस्या का कारण बन सकता है. दरअसल दांतों पर प्लाक जमने पर उनकी बाहरी परत खराब होने लगती है और दांतों में सड़न होने लगती है. वहीं दांतों में कैविटी होने पर या पायरिया जैसे रोग होने पर भी सांसों से दुर्गंध आने की समस्या होने लगती है.

मेडिकल कंडिशन : डॉक्टर परमार बताते हैं कि सांसों से बदबू आना कई रोगों का संकेत भी माना जाता है. जिनमें से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal reflux disease GERD) काफी कॉमन है. दरअसल इस रोग में गरिष्ठ आहार या अन्य कारणों से पेट में बनने वाला एसिड एसोफैगस तक आ जाता है. वैसे तो यह प्रक्रिया शरीर में आम होती है लेकिन यदि किसी व्यक्ति में यह लगातार होने लगे तो इसे रोग की श्रेणी में रखा जाता है. सांसों से दुर्गंध आना इस रोग के मुख्य लक्षणों तथा प्रभावों में से एक माना जाता है. इसके अलावा गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल इंफेक्शन यानी पेट में किसी तरह का संक्रमण विशेषकर हेलिकोबैक्टर फायलोरी संक्रमण जोकि पेट और छोटी आंत में होता है, डायबिटीज, किडनी रोग, फेफड़ों का इंफेक्शन और लिवर से जुड़े रोग होने पर मुंह से ज्यादा दुर्गंध आने लगती है.

कैसे करें बचाव : वह बताते हैं कि मुंह से बदबू आने की समस्या से बचाव के लिए बहुत जरूरी है कि मुंह के हाइजीन यानी मुंह की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए. जिसके लिए कुछ नियमों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बहुत जरूरी है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह कुछ भी खाने से पहले तथा रात को सोने से पहले दांतों को ब्रश जरूर करें.
  • कुछ भी खाने के बाद नियमित रूप से दांतों में डेंटल फ़्लॉस का इस्तेमाल करें.
  • यदि संभव हो तो फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें तथा कुछ भी खाने या पीने के बाद साफ पानी से कुल्ला अवश्य करें.
  • हमेशा नरम बालों वाले ब्रश का उपयोग करें और हर चार महीने बाद ब्रश को बदल दें.
  • नियमित अंतराल पर अपने दांतों की जांच कराते रहे और जरूरत पड़ने पर चिकित्सक से अपने दांतों की स्केलिंग यानी सफाई कराएं.
  • ज्यादा मात्रा में पानी पिएं.
  • हेल्दी डाइट लें

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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मुंह से बदबू आना बहुत ही आम समस्या है. ज्यादातर लोग मुंह से बदबू आने को खराब हाइजीन या पेट के खराब होने से जोड़ कर देखते हैं लेकिन इस समस्या के लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं. यहां तक कि ऐसा होना किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है. कई बार दांतों या मसूड़ों के रोग, कुछ बीमारियां जैसे किडनी में समस्या या डायबिटीज आदि, हार्मोन्स में बदलाव या पेट या पाचन संबंधी समस्याएं भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.

सांसों से बदबू आने की समस्या को हैलिटोसिस कहते हैं. यह आमतौर पर मुंह की खराब स्वच्छता की वजह से होती है. डॉक्टर्स मानते हैं कि ज्यादातर मामलों में मुंह में हाइजीन की कमी जैसे दांतों में आहार के कण लंबे समय तक बचे रह जाना, दांतों पर प्लाक या कैविटी होना, जीभ की सफाई ना होना, मसूड़ों में सूजन या इंफेक्शन होना तथा दांतों में पायरिया या अन्य रोग होना मुंह से लगातार बदबू आने का कारण होते हैं. लेकिन कई बार मुंह या सांसों से दुर्गंध आना किसी बड़ी समस्या का संकेत भी हो सकती है.

मुंह से बदबू आने का कारण : दिल्ली के ऑर्थोडॉन्टिस्ट डॉ आलोक परमार बताते हैं कि मुंह से बदबू आने के लिए कई मेडिकल और नॉन मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार हो सकते हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं...

हाइजीन की कमी : वह बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ बच्चे ही अच्छी तरह से दांतों की सफाई या ब्रश नहीं करते हैं. ऐसे वयस्कों की संख्या भी काफी ज्यादा है जिन्हे मुंह, जीभ तथा दांतों की सफाई या देखभाल का सही तरीका पता नहीं होता है, और यदि पता होता भी है तो वे उसका पालन नहीं करते हैं. जैसे दिन में दांतों को सही तरह से कम से कम दो बार साफ ना करना, दांतों में फ्लॉस का इस्तेमाल ना करना, जीभ की नियमित रूप से सफाई ना करना या दांतों की नियमित जांच ना कराना आदि. जिसके कारण जीभ व दांतों के बीच में जमा गंदगी तथा उनके कारण पनपने वाले रोग मुंह से बदबू आने का कारण बनने लगते हैं.

मसूड़ों और दांतों से जुड़े रोग : वह बताते हैं कि मुंह में हाइजीन की कमी बैक्टीरियल इंफेक्शन या दांतों व मसूड़ों के रोगों (पीरियडोंटल रोग) का कारण बन सकती है. इसके अलावा दांतों पर जमा प्लाक भी इस समस्या का कारण बन सकता है. दरअसल दांतों पर प्लाक जमने पर उनकी बाहरी परत खराब होने लगती है और दांतों में सड़न होने लगती है. वहीं दांतों में कैविटी होने पर या पायरिया जैसे रोग होने पर भी सांसों से दुर्गंध आने की समस्या होने लगती है.

मेडिकल कंडिशन : डॉक्टर परमार बताते हैं कि सांसों से बदबू आना कई रोगों का संकेत भी माना जाता है. जिनमें से गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal reflux disease GERD) काफी कॉमन है. दरअसल इस रोग में गरिष्ठ आहार या अन्य कारणों से पेट में बनने वाला एसिड एसोफैगस तक आ जाता है. वैसे तो यह प्रक्रिया शरीर में आम होती है लेकिन यदि किसी व्यक्ति में यह लगातार होने लगे तो इसे रोग की श्रेणी में रखा जाता है. सांसों से दुर्गंध आना इस रोग के मुख्य लक्षणों तथा प्रभावों में से एक माना जाता है. इसके अलावा गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल इंफेक्शन यानी पेट में किसी तरह का संक्रमण विशेषकर हेलिकोबैक्टर फायलोरी संक्रमण जोकि पेट और छोटी आंत में होता है, डायबिटीज, किडनी रोग, फेफड़ों का इंफेक्शन और लिवर से जुड़े रोग होने पर मुंह से ज्यादा दुर्गंध आने लगती है.

कैसे करें बचाव : वह बताते हैं कि मुंह से बदबू आने की समस्या से बचाव के लिए बहुत जरूरी है कि मुंह के हाइजीन यानी मुंह की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए. जिसके लिए कुछ नियमों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बहुत जरूरी है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह कुछ भी खाने से पहले तथा रात को सोने से पहले दांतों को ब्रश जरूर करें.
  • कुछ भी खाने के बाद नियमित रूप से दांतों में डेंटल फ़्लॉस का इस्तेमाल करें.
  • यदि संभव हो तो फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें तथा कुछ भी खाने या पीने के बाद साफ पानी से कुल्ला अवश्य करें.
  • हमेशा नरम बालों वाले ब्रश का उपयोग करें और हर चार महीने बाद ब्रश को बदल दें.
  • नियमित अंतराल पर अपने दांतों की जांच कराते रहे और जरूरत पड़ने पर चिकित्सक से अपने दांतों की स्केलिंग यानी सफाई कराएं.
  • ज्यादा मात्रा में पानी पिएं.
  • हेल्दी डाइट लें

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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