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ऑनलाइन पेमेंट में लगेगी ठगी पर लगाम, फेस रीडिंग से UPI Payment की तैयारी - Online payment Frauds

देश में बढ़ रहे UPI पेमेंट के कल्चर के साथ-साथऑनलाइन ठगी की वारदातों में भी इजाफा हुआ है. लगातार हो रहे ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए NPCI ने अब एक रास्ता तलाश लिया है. जिसके जरिए यूपीआई पेमेंट के दौरान ठगी की वारदातों पर अंकुश लगाया जा सकेगा.

ऑनलाइन पेमेंट में लगेगी ठगी पर लगाम
ऑनलाइन पेमेंट में लगेगी ठगी पर लगाम (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 24, 2024, 9:55 AM IST

Updated : Aug 24, 2024, 11:35 AM IST

जयपुर :हमारे देश में डिजिटल पेमेंट के बढ़ते प्रचलन के बाद UPI (Unified Payments Interface) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. अब लोग कैश देने की जगह अलग-अलग पेमेंट एप के जरिए यूपीआई से लेन-देन को प्राथमिकता दे रहे हैं. लिहाजा इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम की कमियों का फायदा अपराध जगत के लोग उठाते हैं और ऑनलाइन फ्रॉड की वारदातों को लगातार अंजाम देते हैं.

इन हालात को विकट बनाने से रोकने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्परेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI ने UPI से लेनदेन को और ज्यादा महसूस और भरोसेमंद बनाने की कोशिश की है. इस सिलसिले में अब यूपीआई ट्रांजैक्शन पर PIN की जगह बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन को प्राथमिकता देने का फैसला हुआ है.

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दरअसल, हाल के दिनों में यूपीआई पेमेंट्स के दौरान हो रही धोखाधड़ी के मामलों ने आम लोगों को गंभीर चिंता में डाल दिया. यह बात भी सही है कि डिजिटल पेमेंट लेनदेन की प्रक्रिया का आसान और सरल रास्ता है, लेकिन इसमें धोखाधड़ी के बढ़ते मामले यूपीआई कल्चर को लेकर चिंता भी बढ़ा रहे थे. इसी को रोकने के लिए NPCI ने पिन-आधारित सत्यापन प्रक्रिया की जगह बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन को अपनाने का बड़ा निर्णय लिया है.

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लेन-देन बनेगा और अधिक सुरक्षित :NPCI यूपीआई लेनदेन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए तैयारी कर रहा है. इस सिलसिले में livemnit की रिपोर्ट के मुताबिक, NPCI बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए UPI ट्रांजैक्शन किए जाने की तैयारी चल रही है. इस प्रक्रिया की शुरू होने के बाद चेहरा देखकर या उंगलियों के निशान के जरिए पेमेंट किए जाएंगे फिर यूपीआई पेमेंट के दौरान पर्सनल आईडेंटिफिकेशन नंबर यानि PIN की जरूरत नहीं होगी. माना जा रहा है कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद यूपीआई पेमेंट की व्यवस्था को और अधिक महफूज बनाया जा सकेगा. इस प्रक्रिया से एप के जरिए वही व्यक्ति लेनदेन कर सकेगा, जिसका फिंगरप्रिंट और फेस आईडेंटिफिकेशन को सेव किया जाएगा. इस कदम से धोखाधड़ी की घटनाओं पर भी काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है.

Last Updated : Aug 24, 2024, 11:35 AM IST

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