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अब इस काम के लिए RTO का चक्कर लगाने की जरूरत नहीं, घर बैठे चुटकियों में होगा काम - LUCKNOW RTO

फॉर्म 35 जमा करने के लिए अब वाहन मालिकों को आरटीओ जाने से मिला छुटकारा, बस करना होगा ये आसान काम

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वाहन मालिकों को अब ऑनलाइन जमा करने होंगे फॉर्म 35 (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 11, 2024, 8:45 PM IST

लखनऊ:वाहन मालिकों के लिए एक ओर राहत भरी खबर है. अब किसी भी वाहन मालिक को फॉर्म 35 जमा करने के लिए आरटीओ के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि ये काम भी अब ऑनलाइन हो जाएंगे. अभी तक फार्म 35 जमा करने और नई आरसी जारी करवाने के लिए आरटोओ ऑफिस जाने की जरुरत पड़ रही थी. लेकिन अब ये सेवा भी ऑनलाइन कर दी गई है.

दरअसल, लोन लेकर खरीदे गए वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानि आरसी पर इसका भी रिकॉर्ड दर्ज रहता है. लोन पूरा होने के बाद NOC के रूप में नई आरसी मिलती है. इसके लिए बैंक की तरफ से क्लीयरेंस मिलने के बाद फॉर्म 35 को आरटीओ में जमा करना पड़ता है. लेकिन अब इस झंझट से भी मुक्ति मिलने जा रही है. आवेदक फॉर्म 35 को घर बैठे आवेदन कर जमा कर सकता है. इसके बाद आरटीओ की ओर से नई आरसी जारी कर दी जाएगी. बुधवार को ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में एक गाड़ी की आरसी का फॉर्म 35 ऑनलाइन तरीके से जमा किया गया, जिसका ट्रॉयल सफल रहा. अब ये व्यवस्था लागू कर दी गई है.

बात दें कि वाहन से बंधक हटाने के लिए फॉर्म 35 का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी जरूरत तब होती है जब कोई वाहन मालिक अपने वाहन आरसी के खिलाफ लिए गए लोन को चुकाने के बाद उससे बंधक हटाना चाहता है. फॉर्म आरटीओ की तरफ से जारी किया जाता है और इसे उस दफ्तर में जमा करना होता है, जहां पर वाहन मूल रूप से पंजीकृत होता है. इसे भरने के लिए वाहन मालिक को अपना नाम, पता, संपर्क जानकारी और वाहन पंजीकरण संख्या जैसे विवरण प्रदान करने होते हैं, साथ ही उन्हें ऋणदाता, ऋण राशि और ऋण चुकौती की तारीख के बारे में भी जानकारी देनी होती है. प्रपत्र पर वाहन स्वामी और ऋणदाता दोनों के हस्ताक्षर होने चाहिए. इसके बाद वाहन मालिक को फॉर्म 35 को लेकर आरटीओ जाना पड़ता है. अब इस व्यवस्था को भी ऑनलाइन कर दिया गया है. लोन क्लीयरेंस के इस फॉर्म को घर बैठे ऑनलाइन भेज सकते हैं.

वहीं लखनऊ के ARTO (प्रशासन) प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि वाहन मालिकों की सुविधाओं को देखते हुए इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है. अब उनको आरटीओ जाने की आवश्यकता नहीं होगी. इससे वाहन मालिकों का कीमती समय भी बचेगा.

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