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बालमुकुंदाचार्य...हनुमानजी की सेवा ने दी पहचान तो कॉलेज के दिनों में किया पार्ट टाइम जॉब, मिला था बिग बॉस से ये ऑफर - MLA Balmukund Acharya

प्रदेश में लोकसभा चुनाव के सियासी मैदान में राजनीतिक दलों के 'योद्धा' चुनावी जीत के लिए ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहे हैं. राजनेता भी इन दिनों अलसुबह से देर रात चुनावी गोटियों को फिट करने में लगे हैं. चुनावी मैदान में मचे सियासी शोर के बीच एक राजनेता की निजी जीवन कैसा होता है और क्या वे शुरू से ही राजनीति का ककहरा पढ़कर ही मैदान में उतरे हैं, ऐसे सवाल अक्सर हम सभी के मन में होता है. राजनीतिक जीवन से अलग नेताओं का जीवन कैसा होता है और उनके अनछुए पल कौनसे हैं, ये सब हम आपको बताएंगे नो पॉलिटिक्स विथ पॉलिटिशियन की इस खास सीरीज में.

MLA BALMUKUND ACHARYA
MLA BALMUKUND ACHARYA

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 16, 2024, 11:36 AM IST

Updated : Apr 16, 2024, 10:49 PM IST

बालमुकुंदाचार्य से खास बातचीत

जयपुर. नेताजी का नाम जुबान पर आते ही अक्सर राजनीतिक बयानबाजी, वादे और विरोधनुमा तस्वीर जहन में उभरती है. हम सभी ने नेताओं का अक्सर यही रूप देखा और सुना है, फिर चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से हो. किसी भी नेता की निजी जिंदगी और उनके राजनीति से हटकर किए गए संघर्ष या काम के बारे में शायद कम ही लोग जानते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत आपके लिए विशेष रूप से नेताओं के राजनीति से इतर की जिंदगी की परतें खोलने के लिए सीरीज शुरू की है. इसमें राजनीति के वो खिलाड़ी जिन्हें आप दिनरात विपक्षी दलों पर दिए बयान और वादे करते हुए सुनते और देखते हैं, अब उनकी निजी जिंदगी के खास किस्सों के बारे में भी आप जान सकेंगे, तो चलिए शुरू करते हें इस सीरीज की पहली कड़ी.

हाथोज धाम पीठ के पीठाधीश्वर हैं बालमुकुंदाचार्य

ईटीवी भारत की विशेष पेशकश 'नो पॉलिटिक्स विद पॉलिटिशियन' में इस हफ्ते आपको रूबरू करवाते हैं जयपुर की हवामहल सीट से विधायक बालमुकुंदाचार्य से. विधायक होने के साथ-साथ बालमुकुंदाचार्य हाथोज धाम पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं. आखिर सियासत से परे ऐसे कौन से किस्से हैं, इन्हें जानने के लिए सीधे बालमुकुंदाचार्य से रूबरू होते हैं. ईटीवी भारत ने विधायक बालमुकुंद आचार्य से गैर राजनीतिक चर्चा के लिए सुबह के वक्त को चुना. बातचीत के दौरान जब हम बालमुकुंद आचार्य से मिलने के लिए पहुंचे, तो वह गौशाला में मौजूद थे और गायों के साथ सुबह का वक्त बिता रहे थे. इसके बाद विधायक बालमुकुंदाचार्य से तफ्सील से बातचीत हुई, जिसमें उनके संत जीवन राजनीति में आने, बॉलीवुड से जुड़ाव और पसंद-नापसंद से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत हुई. इस दौरान गैर राजनीतिक चर्चा में उन्होंने यह भी बताया कि जब वह हाथोज धाम नहीं पहुंचे थे, तो छात्र जीवन के बाद जीविका उपार्जन के लिए उन्होंने क्या रास्ता अपनाया. राजनीतिक जीवन में व्यवस्थित दिनचर्या को लेकर भी उन्होंने बात की. बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि सुबह पांच बजे योगाभ्यास के बाद वे गौसेवा के लिए गोशाला आते हैं. जहां वे पक्षियों के परिंडों में पानी डालते हैं. इसके बाद पूजा-पाठ और हवन करते हैं. मंदिर की सेवा से निवृत्त होने के बाद में अपने राजनीतिक जीवन के दैनिक कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं.

गौशाला में गायों की सेवा करते बालमुकुंदाचार्य

कॉलेज के बाद जॉब और पार्ट टाइम काम :विधायक बालमुकुंदचार्य कहते हैं कि उनके परिवार से जुड़े सभी लोग मंदिरों की सेवा और पूजा में लगे हैं, लेकिन कॉलेज की बाद शुरुआती दिनों में उन्हें अपना खर्च चलाने के लिए पार्ट टाइम जॉब भी करनी पड़ी थी. इस दौरान वे ट्यूशन भी पढ़ाते थे, तो कुछ सेठों के यहां लिखा-पढ़ी और कागजात को मेंटेन करने का काम भी किया करते थे. जयपुर के सी स्कीम इलाके के एक रेस्टोरेंट में भी उन्होंने जॉब की थी. पार्ट टाइम जॉब के दौरान हवा महल विधायक को आज से 30 साल पहले 200 से 300 रुपए मिलते थे.

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बॉलीवुड से भी रहा है कनेक्शन :विधायक बालमुकुंदचार्य ने ईटीवी भारत को बताया कि वह जयपुर के एक विद्वान पंडित के साथ मुंबई गए, जहां ज्योतिष के क्षेत्र में उनसे कई फिल्मी सितारों ने संपर्क किया, जिनमें प्रियंका चोपड़ा, राजकुमार राव, सावन कुमार और गोविंदा जैसे बड़े नाम शामिल हैं. हालांकि, उनको लेकर चर्चा यह होती रही है कि वह अपना करियर बनाने के लिए मुंबई गए थे, इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि बिग बॉस सीजन 2 में उन्हें बतौर मेहमान बुलाया गया था, लेकिन खान-पान और जीवन शैली को लेकर अपनी शर्तों के लिए उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया. उन्होंने बताया कि वह मांसाहार और शराब परोसे जाने वाली जगह पर भोजन नहीं करते हैं.

हवामहल सीट से विधायक हैं बालमुकुंदाचार्य

हाथोज धाम को समर्पित किया जीवन :विधायक बालमुकुंदाचार्य फिलहाल जयपुर के हाथोज धाम पर पीठाधीश्वर के पद पर आसीन हैं. बीते तीस साल से उन्होंने संतों के आशीर्वाद से अपना जीवन हनुमान जी की सेवा में लगा दिया. अपने इस वक्त में उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और गौशाला की स्थापना की. यहां एक वेद गुरुकुल की स्थापना भी की, जो निशुल्क है. इस स्कूल में बच्चों को वैदिक अध्ययन करवाया जाता है. उनके अधिकार क्षेत्र में दो संस्कृत विद्यालय भी हैं. आज के वक्त की शिक्षा पद्धति को लेकर उनका सुझाव है कि शिक्षा का वर्तमान ढर्रा देश की संस्कृति के अनुकूल नहीं है. शिक्षा में पुराण और उपनिषद की चर्चा होनी चाहिए. इसमें देवता और संतों की चर्चा भी हो. जिस तरह से राम ने पिता की आज्ञा को सर्वोपरि माना, बच्चों को उसका सार समझना चाहिए. कृष्ण का चरित्र भी समझना चाहिए, जो सबके लिए उनके जैसे बन जाते हैं. इस शिक्षा में विवेकानंद और रविन्द्रनाथ टैगौर की चर्चा होनी चाहिए. विधायक बालमुकुंदाचार्य का कहना है कि हमारी संस्कृति से नई पीढ़ी का जुड़ाव होना चाहिए, जिसमें व्रत त्योहार की चर्चा होनी चाहिए.

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हनुमान कथा के जरिए बनी पहचान :विधायक बालमुकुंदाचार्य के हाथोज पीठ से नेता और अभिनेता जुड़े हुए हैं. मंदिर की सेवा पूजा के साथ-साथ ज्योतिषी का काम भी करते हैं और कथावाचन भी करते हैं. उन्होंने बड़े महायज्ञ और कथाएं देश भर में की हैं, जिनमें हनुमान कथा को लेकर उनका विशेष रुझान रहता है. विधायक बालमुकुंदाचार्य का कहना है कि उन्हें हनुमान जी का चरित्र प्रभावित करता है. हनुमान जी की आराधना और अनुष्ठान कई बार किए हैं. एक बार तो 41 दिन तक दूध पर उपवास किया और पाठ किया. वे कहते हैं कि हनुमान जागृत देवता हैं और कलियुग के स्वामी हैं, क्योंकि अष्टसिद्धि नव निधि के दाता हनुमान जी को सभी देवताओं का आशीर्वाद है.

संत स्वभाव से होता है लिबास से नहीं :विधायक बालमुकुंदाचार्य कहते हैं कि मनुष्य जीवन श्रेष्ठ होने के कारण यहां धर्म आचरण होना चाहिए, नहीं तो मनुष्य और जानवर के जीवन में ज्यादा फर्क नहीं है. वे कहते हैं कि सनातनी होने के नाते सेवा, दया और धर्म हमारा स्वभाव है. इस चर्चा के दौरान उन्होंने संत स्वभाव पर बात की. विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि व्यक्ति संत स्वभाव से होता है, उन्होंने कहा कि आचरण यानी सरलता सौम्यता, दया, धर्म जिसमें व्याप्त वह संत है. फिर लिबास का फर्क नहीं पड़ता है. संत सभी में हैं. वे बताते हैं कि उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार मे हुआ, जिस परिवार में मंदिर सेवा है. पीढ़ियों से परिवार में कई सन्यासी रहे हैं, जिसमें हाथोज धाम की सेवा के लिए सब आए और उन्हें भी इसका दायित्व मिला है. बालमुकुंद आचार्य ने बताया कि पूजा पाठ के अलावा उनके पास विहिप, आरएएस और बजरंग दल में भी दायित्व रहे हैं. उन्होंने गौसेवा परिषद की टीम बनाई और गौसेवा और गौरक्षा का काम किया. गौकशी को रोका और उन्हें उजागर करने का काम किया.

Last Updated : Apr 16, 2024, 10:49 PM IST

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