पटना: बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर राजद और कांग्रेस की ओर से आंदोलन शुरू करने की घोषणा के बाद शुक्रवार 27 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग के 'संकल्प' में ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. उन्होंने स्मार्ट प्री-पेड मीटर की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटर को लेकर दुष्प्रचार और भ्रम फैलाया जा रहा है लोग भ्रमित ना हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में सभी घरों तक बिजली पहुंचा दी गई है. सभी को निर्बाध बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
"बिजली की खपत पर राज्य सरकार उपभोक्ताओं के लिये अनुदान के रूप में राशि खर्च कर रही है ताकि राज्य के लोगों को सस्ती बिजली मिल सके. स्मार्ट प्री-पेड मीटर बिजली की खपत में बचत के साथ-साथ लोगों को बिजली बिल भुगतान में भी सहूलियत प्रदान करती है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
15343 करोड़ सरकार दे रही अनुदान : बिजली की खपत पर राज्य सरकार 15 हजार 343 करोड़ रुपये अनुदान दे रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के पहले राज्य में बिजली की क्या स्थिति थी ये सभी लोग जानते हैं. सरकार में आने के बाद से लोगों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. स्मार्ट प्री-पेड मीटर को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं. आजादी के बाद से 2005 तक जब उनलोगों की सरकार थी तो बिहार में बिजली की बदतर स्थिति हो गयी थी.
बिजली की स्थिति में सुधार का किया था वादाः नीतीश कुमार ने कहा कि 15 अगस्त 2012 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गांधी मैदान में अपने संबोधन के दौरान वादा किया था कि अगर बिजली की स्थिति में सुधार नहीं लायेंगे तो 2015 के विधानसभा चुनाव में वोट मांगने लोगों के बीच नहीं आऊंगा. हमने वादा किया और उसे अक्षरशः पूरा करते हुये हर घर तक लोगों को बिजली पहुंचा दी गई. जो लोग दुष्प्रचार और अफवाह फैला रहे हैं उससे लोग भ्रमित न हों.