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देवघर का रैन बसेरा गरीबों के लिए बना वरदान, कपकपाती ठंड में मिला महफूज ठिकाना - NIGHT SHELTER

देवघर का रैन बसेरा गरीबों के लिए वरदान साबित हो रहा है. ठंड में लोगों को रैन बसेरा में राहत मिल रही है.

Night Shelter In Deoghar
देवघर का रैन बसेरा. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 22, 2024, 2:48 PM IST

देवघर:जिले में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इस कारण लोगों को जीना मुहाल हो गया है. शाम और सुबह के वक्त शीतलहर और ठंड का प्रकोप अधिक बढ़ जाता है. ठंड की वजह से शाम सात बजे के बाद सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो जाती है. ज्यादा जरूरी होने पर ही लोग अपने घरों से निकलते हैं. वहीं जिला प्रशासन की ओर से भी लोगों से ठंड से बचने की अपील की गई है.

गरीबों के लिए रैन बसेरा बना सहारा

वहीं ठंड से सबसे ज्यादा गरीबों को परेशानी हो रही है. देवघर में सड़क किनारे रहने वाले गरीबों के लिए इस ठंड में रैन बसेरा ही एक मात्र साधन है. नगर निगम द्वारा बनाए गए रैन बसेरा में प्रतिदिन 35 से 40 लोग रात गुजार रहे हैं. देवघर में दो रैन बसेरा संचालित है. पहला देवघर शहर के बस स्टैंड के पास और दूसरा जसीडीह के पास बनाए गए रैन बसेरा.

जगह-जगह की गई अलाव की व्यवस्था

वहीं इस संबंध में रैन बसेरा में काम करने वाले नगर निगम के कर्मचारियों ने कहा प्रतिदिन रेस्क्यू अभियान चलाया जाता है. सड़क किनारे जहां भी लोगों को ठंड में ठिठुरते देखा जाता है उन्हें सड़क से उठाकर रैन बसेरा तक लाया जाता है. जहां पर लोगों को गर्म पानी और कंबल मुहैया कराया जाता है, ताकि लोगों को ठंड से राहत पहुंचायी जा सके. वहीं ठंड को लेकर जगह-जगह अलाव की भी व्यवस्था की जाती है.

देवघर के रैन बसेरा पर ईटीवी भारत संवाददाता हितेश कुमार की रिपोर्ट. (वीडियो-ईटीवी भारत)

नगर निगम चला रहा रेस्क्यू अभियान

इस संबंध में देवघर नगर निगम के सिटी मैनेजर हिमांशु कुमार बताते हैं कि रैन बसेरा गरीब लोगों के लिए ठंड के दौरान काफी महत्वपूर्ण स्थान होता है. नगर निगम के तरफ से रैन बसेरा में हर तरह की सुविधा मुहैया करायी जाती है. कर्मचारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि प्रतिदिन अपनी टीम के साथ सड़क पर निकलकर जांच करें कि कहीं कोई गरीब ठंड में सड़क पर तो नहीं सो रहा है.

सिटी मैनेजर हिमांशु कुमार ने बताया कि इसके अलावा भी नगर निगम की तरफ से विभिन्न चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था कराई जा रही है, ताकि रिक्शा चालकों, ठेला चालकों और दिहाड़ी मजदूरों को ठंड से राहत मिल सके.

खुले आसमान तले नहीं गुजारनी पड़ रही रात

वहीं रैन बसेरा में रहने वाले लोगों ने कहा कि रैन बसेरा की वजह से उन्हें इस हाड़ कंपाने वाली ठंड में खुले आसमान तले नहीं रहना पड़ता है. लोगों ने कहा कि जिले में कई ऐसे गरीब लोग हैं जो बिना छत की वजह से ही ठंड में अपनी जान गंवा देते हैं. आम लोगों ने नगर निगम और जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि यदि रैन बसेरा की संख्या बढ़ाई जाएगी तो इससे और भी अधिक लोग लाभान्वित होंगे.

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