रांची: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा झारखंड से अपना जोनल ऑफिस बिहार ले जाने के निर्णय पर राज्य सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. शनिवार 18 जनवरी को आयोजित 89वीं त्रैमासिक राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में यह मुद्दा छाया रहा. वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इस संबंध में यूनियन बैंक के अधिकारियों से सवाल उठाए और कारण जानने का प्रयास किया.
वित्त मंत्री ने राज्य सरकार की ओर से कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि झारखंड में इस बैंक की 120 शाखाएं हैं जिनमें 13555 करोड़ जमा है, जबकि बिहार में इस बैंक की 236 शाखाएं हैं जिनमें 15743 करोड़ जमा है. यह कहां से तर्कसंगत है कि डिपॉजिट अधिक होने के बावजूद प्रशासनिक कार्य का हवाला देकर जोनल ऑफिस को बिहार शिफ्ट किया जा रहा है. ऐसे में जोनल ऑफिस को झारखंड से बाहर ले जाना उचित नहीं है, ये कहीं न कहीं राजनीति से प्रेरित है और हम किसी भी हालत में जोनल ऑफिस को जाने नहीं देंगे. इस दौरान बैंक अधिकारी इसे उच्चस्तरीय निर्णय बताकर पल्ला झाड़ते नजर आए.
55% सीडी रेशियो हासिल करने का लक्ष्य
राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में सीडी रेशियो पर खुलकर चर्चा हुई. इस दौरान सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम को छोड़कर सभी जिलों का सीडी रेशियो 40% से अधिक होने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई. बैठक में जारी आंकड़ों के अनुसार सिमडेगा में 31.24% और पश्चिमी सिंहभूम में 23.37% सीडी रेशियो है, जो 40% के मानक से कम है. राज्य का कुल सीडी रेशियो 50.22% है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर सीडी रेशियो 87% है.
बैठक में अगले तीन महीने में 55% सीडी रेशियो हासिल करने का लक्ष्य रखा गया. इस दौरान वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने शहरी औद्योगिक क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत बताई. बैठक में वित्त मंत्री ने सीडी रेशियो के आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पलामू जिले के नाम पर बैंक द्वारा लोन लिया गया, लेकिन उसे धनबाद में खर्च किया गया. पलामू का सीडी रेशियो बढ़ा है, लेकिन हकीकत यह है कि खर्च धनबाद में किया गया. इस विसंगति पर ध्यान देने की जरूरत है.
बैंकर्स के व्यवहार पर जताई नाराजगी
राज्य स्तरीय बैंकर्स की बैठक में बैंक कर्मियों के व्यवहार पर नाराजगी जताई गई. निजी बैंक द्वारा ऋण वसूली के लिए लोगों के साथ अभद्र व्यवहार पर आपत्ति जताई गई तथा आरबीआई और संबंधित बैंकों को पत्र लिखकर समाधान निकालने को कहा गया. बैठक में मौजूद कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किसानों की ऋण माफी को लेकर बैंक कर्मियों के अभद्र व्यवहार पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि लापुंग जैसे क्षेत्र में एक ही बैंक है और वहां बैंकिंग सुविधाओं का घोर अभाव है, जबकि बेड़ो में जब किसान ऋण माफी के लिए बैंक जाते हैं तो उन्हें भगा दिया जाता है और बेतुकी बातें कही जाती हैं. आज भी आदिवासियों को बैंकों से ऋण नहीं मिल पा रहा है, इसलिए इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है.
89वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की इस बैठक में वाणिज्यिक बैंकों के पदाधिकारियों के अलावा बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक एम कार्तिकेयन, भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के निदेशक अंजनी कुमार ठाकुर, नाबार्ड के क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक सुनील कृष्ण जहांगीरदार, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह, झारखंड सरकार के वित्त सचिव प्रशांत कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
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