भोपाल. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने और मोदी सरकार 3.0 बनने के बाद अब नई सरकार और नई संभावनाओं को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. मोदी सरकार अपने इस कार्यकाल में पहले से और बेहतर करने की उम्मीद के साथ काम करेगी. बात करें रेलवे की तो सरकार इस कार्यकाल में अपने वंदे भारत प्रोजेक्ट पर ज्यादा फोकस करेगी. यही वजह है कि मध्य प्रदेश के लिए भी नई सरकार वंदे भारत ट्रेनों के तौर पर और तोहफे दे सकती है.
एमपी को तोहफे में मिलेगी नई रफ्तार
इस लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की जनता ने जो बीजेपी को प्यार दिया उसका तोहफा जल्द मिल सकता है. बीजेपी को 29 में से 29 सीट देने वाले मध्य प्रदेश के पांच मंत्रियों को केंद्र में जगह मिली है, जिसमें से दो कैबिनेट मंत्री हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के विकास में पर लगने तय हैं. बात करें मध्य प्रदेश से चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों की तो एमपी को कई अन्य शहरों से जोड़ने वाली ट्रेनें भी जल्द शुरू हो सकती हैं.
भोपाल से चलेंगी नई वंदे भारत ट्रेनें
पिछले दिनों खबर आई थी कि रेल मंत्रालय ने राजधानी भोपाल को वंदे भारत के जरिए अन्य शहरों से जोड़ने की योजना है. कहा जा रहा था कि जून में इन नए संभावित रूट की जानकारी साझा की जाएगी. हालांकि, लोकसभा चुनाव की वजह से ये योजना आगे नहीं बढ़ सकी. लेकिन अब नई सरकार बनने के बाद भोपाल से 200 किमी की दूरी तक के चिन्हित स्टेशनों पर नई वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी.
क्या यही होंगी वंदे मेट्रो ट्रेनें?
गौरतलब है कि रेलवे मध्यप्रदेश के कम दूरी के शहरों को भी जोड़ने की तैयारी कर चुका है. 200 किलोमीटर या उससे कम दूरी के शहरों को कनेक्ट करने वाली ये ट्रेनें वंदे मेट्रो ट्रेनें हो सकती हैं. पिछले दिनों खबरे आई थीं कि इन ट्रेनों के सेट्स भी तैयार हो रहे हैं, जो वंदे भारत से अलग हटकर नजर आएंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश को देश के अन्य राज्यों से वंदे भारत के जरिए जोड़ा जाएगा, तो वहीं प्रदेश के अंदर कम दूरी वाले शहरों को वंदे भारत मेट्रो के जरिए जोड़ा जाएगा.
इन तीन फेस में चल सकती हैं नई वंदे भारत या वंदे मेट्रो
- पहले फेस में होशंगाबाद से इटारसी होते हुए बैतूल
- दूसरे फेस में राजधानी भोपाल से बीना होते हुए सागर
- तीसरे फेस में सीहोर से शुजालपुर होते हुए शाजापुर