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आय से अधिक संपत्ति मामले में पति-पत्नी को सजा, CBI स्पेशल बैंच का फैसला - CBI SPECIAL COURT JABALPUR

सागर में पदस्थ ईपीएफओ के त्कालीन निरीक्षक महेन्द्र कुमार गुप्ता व उनकी पत्नी उषा गुप्ता (सहायक) को चार साल की सजा.

CBI SPECIAL COURT JABALPUR
सीबीआई की स्पेशल बैंच का फैसला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 12, 2025, 7:20 AM IST

जबलपुर : सीबीआई की स्पेशल बैंच ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दंपत्ति को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत चार साल की सजा से दंडित किया है. न्यायालय ने प्रकरण में आरोपी बनाए गए तीन अन्य व्यक्तियों को ढाई-ढाई साल की सजा से दंडित किया है. न्यायालय ने पांचों आरोपियों पर कुल 24 लाख 29 हजार रु का अर्थदंड भी लगाया है.

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई की ओर से न्यायालय को बताया गया कि सागर ईपीएफओ उप क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ त्कालीन निरीक्षक महेन्द्र कुमार गुप्ता व उनकी पत्नी उषा गुप्ता (सहायक) के ठिकानों में दबिश दी गई थी. दबिश के दौरान उनके पास से साल 2001 से 2011 के बीच आय से ज्यादा 24 लाख 46 हजार की संपत्ति मिली थी. सीबीआई ने आरोपी दम्पति सहित नोटरी बलराम पाटकर, अरविंद सिंह राजपूत और देवी प्रसाद के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर आरोप-पत्र न्यायालय में पेश किया था.

CBI स्पेशल बैंच ने दिया दोषी करार

सीबीआई विशेष न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान पेश किए गए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर आरोपियों को अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार दिया है. न्यायालय ने आरोपी दम्पति को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित आईपीसी की धारा 193 तथा 201 के तहत दोषी करार देते हुए अधिकतम चार साल की सजा सुनाई और भारी अर्थदंड लगाया है. वहीं, कोर्ट ने तीन अन्य आरोपियों को धारा ढाई-ढाई साल की सजा से दंडित किया है.

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जबलपुर : सीबीआई की स्पेशल बैंच ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दंपत्ति को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत चार साल की सजा से दंडित किया है. न्यायालय ने प्रकरण में आरोपी बनाए गए तीन अन्य व्यक्तियों को ढाई-ढाई साल की सजा से दंडित किया है. न्यायालय ने पांचों आरोपियों पर कुल 24 लाख 29 हजार रु का अर्थदंड भी लगाया है.

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई की ओर से न्यायालय को बताया गया कि सागर ईपीएफओ उप क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ त्कालीन निरीक्षक महेन्द्र कुमार गुप्ता व उनकी पत्नी उषा गुप्ता (सहायक) के ठिकानों में दबिश दी गई थी. दबिश के दौरान उनके पास से साल 2001 से 2011 के बीच आय से ज्यादा 24 लाख 46 हजार की संपत्ति मिली थी. सीबीआई ने आरोपी दम्पति सहित नोटरी बलराम पाटकर, अरविंद सिंह राजपूत और देवी प्रसाद के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर आरोप-पत्र न्यायालय में पेश किया था.

CBI स्पेशल बैंच ने दिया दोषी करार

सीबीआई विशेष न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई के दौरान पेश किए गए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर आरोपियों को अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार दिया है. न्यायालय ने आरोपी दम्पति को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित आईपीसी की धारा 193 तथा 201 के तहत दोषी करार देते हुए अधिकतम चार साल की सजा सुनाई और भारी अर्थदंड लगाया है. वहीं, कोर्ट ने तीन अन्य आरोपियों को धारा ढाई-ढाई साल की सजा से दंडित किया है.

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