शिमला: हिमाचल में मानसून सीजन में भारी बारिश से मचने वाली तबाही को रोकने के लिए सरकार ने अब सख्त कदम उठाए हैं. बरसात में भारी बारिश से नालों और नदियों में जलस्तर बढ़ने से साथ लगते भवन बाढ़ की चपेट में आने से हर साल जान और माल का काफी अधिक नुकसान हो रहा है. वहीं, इस साल 31 जुलाई की आधी रात को भी तीन जिलों शिमला, कुल्लू और मंडी में भी बादल फटने की घटना से नालों और खड्डों में बाढ़ आ गई. जिसमें 53 लोग लापता हुए थे. इसी तरह से कई घर बाढ़ की चपेट में आने से जमींदोज हो गए. भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार ने नालों और नदियों के साथ भवन बनाने के लिए नियम और शर्तों को सख्त बना दिया है.
अब 5 और 7 मीटर की दूरी जरूरी
हिमाचल प्रदेश में अब लोगों को नालों और नदियों के साथ भवन निर्माण के समय नियमों की पालना करनी होगी. अब उचित दूरी के बाद ही मकान बनाने की अनुमति होगी. जिसके लिए सरकार ने नियम तय कर दिए हैं. इन नियमों के मुताबिक नालों से 5 मीटर और नदी से 7 मीटर छोड़कर ही भवन निर्माण करना होगा. इन नियमों को राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है. इसके लिए जनता से सुझाव और आपत्तियां भी मांगी गई थी. जिसके बाद अब सरकार ने नियमों को लागू कर दिया है.