शिमला: हिमाचल प्रदेश के मैदानी जिला ऊना की हुम्म खड्ड के बाथू-बाथड़ी इलाके में खनन को लेकर हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दाखिल की गई है. याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के संबंधित अफसरों को नोटिस जारी किया है. अदालत ने इस मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के अलावा उद्योग विभाग के प्रधान सचिव, वन विभाग के प्रधान सचिव, राज्य पर्यावरण, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन विभाग के सचिव, आबकारी और कराधान विभाग के सचिव सहित डीसी ऊना और राज्य भूविज्ञानी, खनन अधिकारी जिला ऊना के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
क्या है मामला ?
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष राज शर्मा नामक एक व्यक्ति ने याचिका दाखिल की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि हुम्म खड्ड के बाथू-बाथड़ी क्षेत्र में खनन में नियमों का पालन नहीं हो रहा है. जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने उन तस्वीरों का अवलोकन किया, जिन्हें याचिका के साथ संलग्न किया गया था. मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ ने संलग्न तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया उपरोक्त खनन क्षेत्र में तय गहराई से अधिक खनन हो रहा है. यह खनन क्षेत्र की गहराई अधिकृत सीमा से परे है.
खंडपीठ ने कहा कि भले ही इसके लिए खनन के उचित लाइसेंस दिए गए हों, लेकिन ये तय सीमा से अधिक प्रतीत हो रहा है. अदालत ने प्रार्थी राज शर्मा की तरफ से दाखिल की गई जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को उपरोक्त क्षेत्र में खनन के सभी लाइसेंस धारकों की सूची पेश करने के आदेश भी जारी किए. इसके अलावा खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को लाइसेंस की शर्तों की उचित निगरानी सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश जारी किए हैं.
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