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ओल्ड बस स्टैंड शिमला की टनल में देखिए हिमाचल की लाइफ लाइन HRTC की हिस्ट्री, हिम चटर्जी की कल्पना में सुनील सूरी ने भरे रंग - HRTC HISTORY

शिमला के पुराना बस अड्डा की टनल में सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो चुका है. अब टनल की दीवार में एचआरटीसी का इतिहास दिखेगा.

शिमला पुराना बस अड्डा की टनल में दिखेगा HRTC का इतिहास
शिमला पुराना बस अड्डा की टनल में दिखेगा HRTC का इतिहास (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 6:55 PM IST

शिमला: राजधानी में एचआरटीसी मुख्यालय और पुराना बस अड्डा शिमला के नीचे की सुरंग का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है. अब यहां से गुजरने वाले वाहनों और लोगों को हिमाचल पथ परिवहन निगम के इतिहास की झलक देखने को मिलेगी. सौंदर्यीकरण से 1958 की बस से लेकर इलेक्ट्रिक एचआरटीसी की बस पेंटिंग देखने को मिलेगी. ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस टनल की दीवार पर एचआरटीसी का इतिहास उकेरा गया गया है.

इस सौंदर्यीकरण का डिजाईन हिम चटर्जी ने तैयार किया है. हिम चटर्जी कला जगत के विख्यात हस्ताक्षर हैं. वे हिमाचल यूनिवर्सिटी में विजुअल आटर्स डिपार्टमेंट के हेड हैं. हिम चटर्जी का आर्ट वर्क देश विदेश में चर्चित है. वहीं, टनल में सौंदर्यीकरण का कार्य ऊना के सुनील कुमार सूरी ने किया है. टनल में पेंटिंग के माध्यम से वर्ष 1958 का कुल्लू-मनाली बस का मॉडल, 1974 का बस मॉडल, 2004 में वॉल्वो बस का मॉडल, 2008 में वॉल्वो बस मॉडल, 2016 की इलेक्ट्रिक बस मॉडल और सामान्य एचआरटीसी बस का मॉडल पेंटिंग के माध्यम से बनाया गया है.

शिमला पुराना बस अड्डा की टनल में सौंदर्यीकरण का काम हुआ पूरा
शिमला पुराना बस अड्डा की टनल में सौंदर्यीकरण का काम हुआ पूरा (ETV Bharat)

19 लाख 28 हजार हुए खर्च

बस अड्डे की टनल के सौंदर्यीकरण का टेंडर 19 लाख 28 हजार 796 में आवंटित किया गया, जो सुनील कुमार सूरी को मिला. 15 नवंबर 2024 को सुनील सूरी की टीम ने कार्य आरंभ कर दिया. 10 जनवरी को सौंदर्यीकरण कार्य पूरी तरह संपन्न हो गया. सुनील सूरी ने बताया कि इस कार्य के दौरान गुणवत्तापूर्ण रंगों का इस्तेमाल किया गया है, जो कि सात से दस साल तक प्रभावी रहते है. यहां पर काम करना चुनौती भरा था, क्योंकि काफी व्यस्त टनल है. ऐसे में रात को ही अधिक काम हो पाता था, लेकिन हमने कोशिश की है कि एचआरटीसी की संक्षिप्त जानकारी ये टनल लोगों के देने में सफल रहे.

शिमला पुराना बस अड्डे की टनल में दिखेगा HRTC का इतिहास
शिमला पुराना बस अड्डे की टनल में दिखेगा HRTC का इतिहास (ETV Bharat)
शिमला ओल्ड बस अड्डा की टनल की दीवार में उकेरा गया HRTC का इतिहास
शिमला ओल्ड बस अड्डा की टनल की दीवार में उकेरा गया HRTC का इतिहास (ETV Bharat)

प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने कहा, "हिमाचल पथ परिवहन निगम के मुख्यालय के नीचे की टनल का सौदर्यीकरण कार्य पूर्ण गया है. असल में 2 अक्टूबर 2024 को एचआरटीसी के 50 वर्ष पूरे हुए थे. इसी कड़ी में हमने सोचा था कि रोजाना हजारो वाहन यहां से गुजरते हैं. लेकिन टनल के दीवारों पर कोई थीम नहीं था तो हमने एचआरटीसी के इतिहास को इस टनल में दिखाने की कोशिश की है. टनल के एक तरफ बसों के मॉडल दर्शाए गए है. जबकि दूसरी तरफ यात्रियों की उम्मीदों को दिखाया गया है. इस सौंदर्यीकरण में हिमाचली लुक को ध्यान में रखते हुए रंगों का इस्तेमाल किया गया है.

ये भी पढ़ें: मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा, चहचहाहट से गूंज उठा क्षेत्र

शिमला: राजधानी में एचआरटीसी मुख्यालय और पुराना बस अड्डा शिमला के नीचे की सुरंग का जीर्णोद्धार का काम पूरा हो चुका है. अब यहां से गुजरने वाले वाहनों और लोगों को हिमाचल पथ परिवहन निगम के इतिहास की झलक देखने को मिलेगी. सौंदर्यीकरण से 1958 की बस से लेकर इलेक्ट्रिक एचआरटीसी की बस पेंटिंग देखने को मिलेगी. ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस टनल की दीवार पर एचआरटीसी का इतिहास उकेरा गया गया है.

इस सौंदर्यीकरण का डिजाईन हिम चटर्जी ने तैयार किया है. हिम चटर्जी कला जगत के विख्यात हस्ताक्षर हैं. वे हिमाचल यूनिवर्सिटी में विजुअल आटर्स डिपार्टमेंट के हेड हैं. हिम चटर्जी का आर्ट वर्क देश विदेश में चर्चित है. वहीं, टनल में सौंदर्यीकरण का कार्य ऊना के सुनील कुमार सूरी ने किया है. टनल में पेंटिंग के माध्यम से वर्ष 1958 का कुल्लू-मनाली बस का मॉडल, 1974 का बस मॉडल, 2004 में वॉल्वो बस का मॉडल, 2008 में वॉल्वो बस मॉडल, 2016 की इलेक्ट्रिक बस मॉडल और सामान्य एचआरटीसी बस का मॉडल पेंटिंग के माध्यम से बनाया गया है.

शिमला पुराना बस अड्डा की टनल में सौंदर्यीकरण का काम हुआ पूरा
शिमला पुराना बस अड्डा की टनल में सौंदर्यीकरण का काम हुआ पूरा (ETV Bharat)

19 लाख 28 हजार हुए खर्च

बस अड्डे की टनल के सौंदर्यीकरण का टेंडर 19 लाख 28 हजार 796 में आवंटित किया गया, जो सुनील कुमार सूरी को मिला. 15 नवंबर 2024 को सुनील सूरी की टीम ने कार्य आरंभ कर दिया. 10 जनवरी को सौंदर्यीकरण कार्य पूरी तरह संपन्न हो गया. सुनील सूरी ने बताया कि इस कार्य के दौरान गुणवत्तापूर्ण रंगों का इस्तेमाल किया गया है, जो कि सात से दस साल तक प्रभावी रहते है. यहां पर काम करना चुनौती भरा था, क्योंकि काफी व्यस्त टनल है. ऐसे में रात को ही अधिक काम हो पाता था, लेकिन हमने कोशिश की है कि एचआरटीसी की संक्षिप्त जानकारी ये टनल लोगों के देने में सफल रहे.

शिमला पुराना बस अड्डे की टनल में दिखेगा HRTC का इतिहास
शिमला पुराना बस अड्डे की टनल में दिखेगा HRTC का इतिहास (ETV Bharat)
शिमला ओल्ड बस अड्डा की टनल की दीवार में उकेरा गया HRTC का इतिहास
शिमला ओल्ड बस अड्डा की टनल की दीवार में उकेरा गया HRTC का इतिहास (ETV Bharat)

प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने कहा, "हिमाचल पथ परिवहन निगम के मुख्यालय के नीचे की टनल का सौदर्यीकरण कार्य पूर्ण गया है. असल में 2 अक्टूबर 2024 को एचआरटीसी के 50 वर्ष पूरे हुए थे. इसी कड़ी में हमने सोचा था कि रोजाना हजारो वाहन यहां से गुजरते हैं. लेकिन टनल के दीवारों पर कोई थीम नहीं था तो हमने एचआरटीसी के इतिहास को इस टनल में दिखाने की कोशिश की है. टनल के एक तरफ बसों के मॉडल दर्शाए गए है. जबकि दूसरी तरफ यात्रियों की उम्मीदों को दिखाया गया है. इस सौंदर्यीकरण में हिमाचली लुक को ध्यान में रखते हुए रंगों का इस्तेमाल किया गया है.

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