पटनाःनीट पेपर लीक मामले में जांच का जिम्मा बिहार आर्थिक अपराध इकाई को दिया गया है. इसके बाद माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. इसके लिए 8 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. इस टीम का नेतृत्व एसपी रैंक के अधिकारी को दिया गया है. कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सूत्रों के मुताबिक इस कांड में कई वरीय अधिकारी का भी हाथ बताया जा रहा है जिसके खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है.
कुछ दिन पहले जेल से बाहर आया है नीतीशः पटना पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल 13 लोगों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें चार परीक्षार्थी, उनके अभिभावक और सॉल्वर गैंग के सदस्य शामिल हैं. इसमें कई मेडिकल स्टूडेंट भी शामिल है. इसका मुख्य सरगना नीतीश कुमार है जो पुलिस की हिरासत में है. नीतीश कुमार को पहले भी शिक्षक भर्ती प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने जेल भेजा था. कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर निकाला था.
पूछताछ में होंगे खुलासेः गिरफ्तार एक और अभियुक्त सिकंदर प्रसाद यादवेंदु जो दानापुर नगर परिषद में कनीय अभियंता के पद पर कार्यरत है. पुलिस ने इसके पास से एक चार पहिया वाहन बरामद किया था. कार में नगर अधिकारी दानापुर का बोर्ड लगा हुआ था. ईओयू इन आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी में है. जिसके लिए कोर्ट में आवेदन देकर रिमांड की मांग की गई है. पूछताछ में कई खुलासा होने वाले हैं.
मेडिकल स्टूडेंट और लेक्चरर गिरफ्तारः बता दें कि रविवार 5 मई को पूरे देश में नीट यूजी परीक्षा 2024 का आयोजन किया गया था. परीक्षा के बाद पुलिस ने कई सॉल्वर गैंग का खुलासा करते हुए बिहार झारखंड और राजस्थान से 266 लोगों को गिरफ्तार किया. पटना से 13 और बिहार के कई जिलों से आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. बिहार में कुल 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें मेडिकल स्टूडेंट, लेक्चरर सहित कई माफिया शामिल है.