गया: बिहार के गया में सीआरपीएफ की मिनी बस को आईईडी लगाकर उड़ाने की घटना में शामिल एक कुख्यात नक्सलीकी गिरफ्तारी की गई है. एसटीएफ और गया पुलिस की छापेमारी में से इस धर दबोचा गया. यह 9 साल बाद गिरफ्त में आया है. बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ की मिनी बस को उड़ाने की घटना में दो जवान शहीद हो गए थे. वहीं आधा दर्जन के करीब गंभीर रूप से घायल हुए थे. गिरफ्तारी के बाद इनसे पूछताछ करते हुए अग्रतर कार्रवाई की जा रही है.
सीआरपीएफ की मिनी बस को उड़ाया था:25 फरवरी 2015 को गया ज़िले के नक्सल प्रभावित डुमरिया थाना अंतर्गत सलैया मोड़ के पास एक बड़ी घटना हुई थी. इस घटना में नक्सलियों ने आईईडी का विस्फोट कर सीआरपीएफ की मिनी बस को उड़ा दिया था. सीआरपीएफ की मिनी बस फोर्स को लेकर जा रही थी. इसी क्रम में इस घटना को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के द्वारा अंजाम दिया गया था. इस घटना में दो जवान शहीद हो गए थे. वहीं, आधा दर्जन के करीब गंभीर रूप से घायल हुए थे.
एसटीएफ ने की छापेमारी:2015 में इस वारदात को अंजाम देकर कुख्यात माओवादी बसंत महतो फरार हो गया था. उसे सुरक्षा बल सरगर्मी से तलाश रहे थे, लेकिन यह इतना शातिर था कि गिरफ्त में नहीं आ रहा था. गया एसएसपी आशीष भारती को सूचना मिली कि सीआरपीएफ की मिनी बस को आईईडी का विस्फोट कर उड़ाने वाला नक्सली बसंत महतो अपने घर को आया हुआ है. इसके डुमरिया थाना के देवचंद डीह गांव में पहुंचने की खबर थी.
एसटीएफ टीम का गठन:सूचना के आधार पर एसएसपी ने एसटीएफ और गया पुलिस को मिलाकर सुरक्षा बलों की विशेष टीम का गठन किया. सुरक्षा बलों ने देवचंद डीह गांव के इलाके में घेराबंदी की. वहीं, पुलिस की घेराबंदी को देखकर बसंत महतो भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे सुरक्षा वालों ने धर दबोचा.
"25 फरवरी 2015 को सीआरपीएफ की मिनी बस को आईईडी का विस्फोट कर नक्सलियों ने उड़ा दिया था. इस घटना में सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए थे.इस घटना में शामिल कुख्यात माओवादी बसंत महतो फरार चल था. इसकी 9 सालों के बाद गिरफ्तारी की गई है."- आशीष भारती, एसएसपी, गया