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अजीब बर्ताव कर लड़खड़ा रहा था सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का बाघ, विशेषज्ञों की टीम ने बेहोश कर किया इलाज - Madhai tiger treatment STR

मध्यप्रदेश का सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अपनी जैव विविधता और बाघों के लिए जाना जाता है. यहां दूर-दर के लोग टाइगर्स देखने आते हैं. इसी रिजर्व का एक टाइगर पिछले कुछ दिनों से अजीब बर्ताव कर रहा था और लड़खड़ा रहा था, जिसके बाद वन विभाग के विशेषज्ञ सक्रिय हुए.

MADHAI TIGER TREATMENT STR
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बाघ का किया गया इलाज (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 8:52 AM IST

Updated : May 24, 2024, 11:14 AM IST

नर्मदापुरम. सतपुडा टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत मढ़ई बीट में करीब एक माह पहले नर बाघ को अस्वस्थ अवस्था में देखा गया था, जिसके बाद एसटीआर यानी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के गस्ती दल ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी. बाघ को चलने में समस्या बनी हुई थी और वह अजीब बर्ताव कर लड़खड़ा रहा था. इसके बाद बाघ की मॉनिटरिंग की गई और फिर प्लान बनाकर उसके इलाज के लिए वन विभाग और विशेषज्ञों की टीम सतपुड़ा टाइगर रिजर्व पहुंची.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बाघ का किया गया इलाज (Etv Bharat)

बाघ को बेहोश कर लिया गया एक्स रे

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व द्वारा लगातार इस दौरान हाथी व पैदल गश्ती कर मानीटरिंग की गई. इसके बाद गुरुवार को टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सकों द्वारा बाघ को सफलतापूर्वक बेहोश किया गया और फिर जबलपुर के विशेषज्ञों की टीम द्वारा बाघ का एक्सरे लिया गया. पता चला कि बाघ घायल था, जिसकी वजह से वह अजीब बर्ताव कर रहा था. इसके अलावा कोई बड़ी गंभीर समस्या नहीं पाई गई.

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में वन विभाग के विशेषज्ञ (Etv Bharat)

विशेषज्ञों ने किया टाइगर का इलाज

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व व वन्यप्राणी संरक्षण ट्रस्ट (WCT) के सहयोग से नर बाघ का आवश्यक उपचार किया गया. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के क्षेत्रसंचालक एल. कृष्णमूर्ति के निर्देशन में पार्क प्रबंधन के अधिकारी/कर्मचारी, वन्यप्राणी संरक्षण ट्रस्ट (WCT) और जबलपुर के स्कूल फॉर वाइल्ड लाइफ एंड फॉरेंसिक के विशेषज्ञों द्वारा इस चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया. चिकित्सा विशेषज्ञों के सहयोग से नर बाघ अब स्वस्थ है और उसे वापस उसके क्षेत्र में छोड़ दिया गया है.

हाथी के जरिए घायल टाइगर की निगरानी की गई (Etv Bharat)

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डिप्टी डायरेक्टर पूजा नागले ने कहा, '' एक माह पहले से इस नर बाघ की निगरानी रखी जा रही थी, जिसे चलने में समस्या बनी हुई थी. वह सही से चल नहीं पा रहा था. वन चिकित्सकों के सहयोग से उसकी निगरानी रखी गई. लगातार हाथी व गस्ती दल द्वारा बाघ पर निगरानी रखी गई. गुरुवार को बाघ का एक्सरे कराया गया और संबंधित इलाज के बाद छोड़ दिया गया''

टाइगर को बेहोश कर उसका इलाज किया गया (Etv Bharat)
Last Updated : May 24, 2024, 11:14 AM IST

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