फिरोजाबाद : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में 21 जून को जेल में बंद दलित युवक की हत्या के मामले में बेशक पुलिस और जेल प्रशासन दावा कर रहा हो कि युवक की मौत बीमारी से हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस के झूठ की पोल खोल कर रख दी है.पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर एक दो नहीं बल्कि 14 स्थानों पर चोट के निशान पाए गए है.सवाल यह है कि युवक को कहां पीटा गया है.थाने पर या जेल में.इस मामले में अभी तक किसी पर कार्यवाही न होने से मृतक परिवार में गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है.मृतक के पिता और पत्नी ने कहा है कि सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे.इधर मृतक के घर के आसपास अभी भी पुलिस बल तैनात है.
बता दें, 21 जून को जिला जेल में बंद दलित युवक आकाश पुत्र वीरी सिंह निवासी नगला पचिया थाना दक्षिण की मौत हो गई थी. आकाश को 18 जून को बाइक चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जेल प्रशासन ने दावा किया था कि अचानक आकाश के पेट मे दर्द हुआ. उसे जिला अस्पताल भिजवाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने जमकर बबाल किया था. परिजनों का आरोप था कि आकाश की मौत पिटाई से हुई. इस दौरान परिजनों ने जाम लगा दिया था. जाम खुलवाने गई पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत भी हुई थी. इस दौरान पथराव, फायरिंग और आगजनी में कई लोग घायल हुए थे. इसके बाद प्रशासन ने पांच लाख रुपये का चेक देकर मामले को शांत किया था. वहीं पुलिस ने 117 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.