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VIDEO : बनारस के घाटों पर गूंज रहे छठ के लोकगीत, कांच ही बांस के बहंगिया...देखें वीडियो - CHHATH PUJA 2024

CHHATH PUJA 2024 : पांच नवंबर से नहाय-खाय के साथ चल रही छठ पूजा. वाराणसी में भी पर्व का उल्लास.

बनारस में दिख रहा छठ पर्व का उल्लास.
बनारस में दिख रहा छठ पर्व का उल्लास. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2024, 7:01 AM IST

वाराणसी : लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 5 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुकी है. 7 नवंबर तक यह पर्व मनाया जाएगा. इसे लेकर हर जगह उल्लास नजर आ रहा है. व्रती महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए छठी मैया से प्रार्थना कर रहीं हैं. बनारस के घाटों पर भी पर्व का उल्लास दिखाई दे रहा है. यहां छठ के लोकगीत गाए जा रहे हैं.

बनारस के घाटों पर गूंज रहे छठ मैया के गीत. (Video Credit; ETV Bharat)

इस समय सूर्य उपासना का सबसे बड़ा महापर्व छठ मनाया जा रहा है. महिलाएं संतान की सुख-समृद्धि के लिए तीन दिन का व्रत कर रही हैं. व्रती महिलाएं निर्जला रहकर भगवान भास्कर की आराधना करती हैं. लोक गीतों के माध्यम से भगवान से समृद्धि की कामना करती हैं. वहीं, अगर बात बनारस की करें तो भगवान शिव की नगरी में भी सूर्य उपासना का यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.

महिलाएं मां गंगा के तट पर बने घाटों पर आकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करती हैं. इसी क्रम में बनारस के लोक कलाकार भी छठी मइया और भगवान सूर्य की आराधना कर रहे हैं. ये कलाकार बनारस के घाटों पर अपने लोकगीतों के माध्यम से भक्ति का अद्भुत भाव प्रस्तुत कर रहे हैं.

इसी माहौल में काशी की बेटी और लोकप्रिय लोकगायिका दिव्या दुबे ने छठी मैया के लिए अपने भावों का प्रस्तुतिकरण गीतों के माध्यम से किया. उन्होंने 'कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, होए न बलम जी कहरिया, बहंगी घाटे पहुंचाए' गाकर सभी का मन मोह लिया. आप भी सुनें दिव्या की आवाज में छठ पर्व के लोकगीत....

यह भी पढ़ें : हंसी-खुशी और यादों भरी छठ मनाने के लिए भेजें ये प्यारे मैसेज, सबके लिए यादगार बने ये महापर्व

वाराणसी : लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत 5 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू हो चुकी है. 7 नवंबर तक यह पर्व मनाया जाएगा. इसे लेकर हर जगह उल्लास नजर आ रहा है. व्रती महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए छठी मैया से प्रार्थना कर रहीं हैं. बनारस के घाटों पर भी पर्व का उल्लास दिखाई दे रहा है. यहां छठ के लोकगीत गाए जा रहे हैं.

बनारस के घाटों पर गूंज रहे छठ मैया के गीत. (Video Credit; ETV Bharat)

इस समय सूर्य उपासना का सबसे बड़ा महापर्व छठ मनाया जा रहा है. महिलाएं संतान की सुख-समृद्धि के लिए तीन दिन का व्रत कर रही हैं. व्रती महिलाएं निर्जला रहकर भगवान भास्कर की आराधना करती हैं. लोक गीतों के माध्यम से भगवान से समृद्धि की कामना करती हैं. वहीं, अगर बात बनारस की करें तो भगवान शिव की नगरी में भी सूर्य उपासना का यह पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.

महिलाएं मां गंगा के तट पर बने घाटों पर आकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करती हैं. इसी क्रम में बनारस के लोक कलाकार भी छठी मइया और भगवान सूर्य की आराधना कर रहे हैं. ये कलाकार बनारस के घाटों पर अपने लोकगीतों के माध्यम से भक्ति का अद्भुत भाव प्रस्तुत कर रहे हैं.

इसी माहौल में काशी की बेटी और लोकप्रिय लोकगायिका दिव्या दुबे ने छठी मैया के लिए अपने भावों का प्रस्तुतिकरण गीतों के माध्यम से किया. उन्होंने 'कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, होए न बलम जी कहरिया, बहंगी घाटे पहुंचाए' गाकर सभी का मन मोह लिया. आप भी सुनें दिव्या की आवाज में छठ पर्व के लोकगीत....

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