चित्रकूट : धर्म नगरी चित्रकूट के ऐतिहासिक गधे मेले की रौनक इस बार सलमान शाहरुख और बसंती रहे. खरीदारों ने सलमान को 1 लाख 85 हजार और शाहरुख को 1 लाख 25 हजार रुपये में खरीदा. इसके अलावा बसंती (गधी) की 85 हजार रुपये बिकी. मुगल बादशाह औरंगजेब कालीन इस ऐहतिहासिक गधे मेले में बड़ी संख्या में गधे बिक्री के लिए मौजूद थे. खरीदारों ने अपनी जरूरत के हिसाब से गधों की बोली लगाई और खरीदारी की.
बताया जाता है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1670 के करीब चित्रकूट पर आक्रमण किया. तब उसके घोड़े बीमार पड़ गए और कई घोड़े और खच्चर मर गए. इसी दौरान औरंगजेब ने चित्रकूट में बालाजी मंदिर का निर्माण करवाने के साथ सैकड़ों बीघे जमीन मंदिर के नाम कर दी. इसमें काम के लिए आसपास के क्षेत्र में गधों की खरीद के लिए मुनादी करवाई. मुनादी के बाद दूर दराज से लोग गधों को बेचने पहुंचने लगे. यह समय दीपावली का था. इसके बाद हर साल यह परंपरा चल पड़ी जो आजतक कायम है.
लगभग 300 वर्षों से चित्रकूट रामघाट के समीप दीपावली के दिन से तीन दिनों तक गधा मेला लगता है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर प्रयागराज, हमीरपुर, मऊरानीपुर, झांसी के साथ ही मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ से लगाकर नेपाल तक की व्यापारी अच्छी नस्ल की गधों और खच्चरों की खरीद फरोख्त के लिए मेले में पहुंचते हैं. भारत में राजस्थान के बाद यह सबसे बड़ा जानवरों का मेला माना जाता है. यहां नस्ल के अनुसार गधों कीमत लाखों में होती है. इस साल ऐतिहासिक गधे मेले में सलमान नाम का गधा 1 लाख 85 हजार, शाहरुख नाम का गधा 1.25 लाख रुपये और गधी बसंती की 85 हजार रुपये में बिकी.
मेले के आयोजक रमेश पांडे उर्फ बगड़ पांडे ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी गधे मेले आयोजन किया गया. पूर्व की भांति इस साल कम जानवर मेले में पहुंचे हैं. इसका कारण मशीनरी युग है. इसके चलते बाजार में गधों आदि जानवरों की मांग कम हो रही है. गधों के पालने वाले और खरीदार की संख्या भी घट रही है. नई पीढ़ी भी इस व्यापार को नहीं करना चाहती.
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