रतलाम। लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल हो सकता है. 4 जून को आने वाले नतीजे के पहले एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश से बीजेपी को 28 सीट मिलने की संभावना है, लेकिन मध्य प्रदेश के नए नवेले मंत्रियों के लिए यह राहत की खबर नहीं है, क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह की नजर लोकसभा चुनाव में मंत्रियों और विधायकों के प्रदर्शन पर है. जहां जीत ही काफी नहीं होगी, बल्कि मतदान प्रतिशत, पार्टी का वोट प्रतिशत, विधायक और मंत्रियों के क्षेत्र में मिली लीड के पैमाने पर इन्हें परखा जाएगा.
खासकर जिन सीटों पर मोहन सरकार के मंत्रियों की जिम्मेदारी थी. उन सीटों पर जीत हार का सीधा असर केवल उम्मीदवार पर नहीं पड़ेगा, बल्कि उस क्षेत्र के मंत्रियों पर पड़ेगा. 4 जून को चुनाव परिणाम आने के बाद मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों की परफॉर्मेंस को रिव्यू किया जाएगा. इसके बाद रिव्यू रिपोर्ट के आधार पर गृहमंत्री अमित शाह मंत्रियों का भविष्य तय करेंगे.
अमित शाह ने सौंपी थी जिम्मेदारी
दरअसल, मध्य प्रदेश में मिशन 29 को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने लगातार प्रदेश के दौरे कर मोहन सरकार और मंत्रियों को मतदान प्रतिशत बढ़ाने से लेकर बूथ जिताने की जिम्मेदारी सौंपी थी. परफॉर्मेंस खराब होने पर शाह ने मंत्री पद जाने की चेतावनी भी दी थी. इसके बाद अब मध्य प्रदेश के 6 महीने पुराने कई मंत्रियों को परफॉर्मेंस रिव्यू बैठक की चिंता सताने लगी है. मध्य प्रदेश के नतीजों पर गृह मंत्री अमित शाह की विशेष नजर रहेगी.
विधायकों का भी होगा परफॉर्मेंस रिव्यू
मध्य प्रदेश के केवल मंत्री ही नहीं विधायकों का भी रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा. जिसमें उनके क्षेत्र में लोकसभा चुनाव में मिले वोट की समीक्षा की जाएगी. इसमें विधायक की परफॉर्मेंस तय की जाएगी. विधायक के क्षेत्र में पार्टी को हार मिलती है तो फिर विधायक से भी जवाब तलब किया जाएगा. अपने विधानसभा क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विधायकों को रिवॉर्ड भी मिल सकता है.