जबलपुर: देशभर से स्मार्ट मीटर के खामियों की अक्सर खबरें आती रहती हैं और लोग समय-समय पर इन मीटरों के खिलाफ विरोध भी करते रहते हैं. लोगों का आरोप रहता है कि स्मार्ट मीटर एक्चुअल खपत से ज्यादा बिजली की गणना करते हैं. ताजा मामला जबलपुर से आया है. यहां 2 कमरे के मकान में स्मार्ट मीटर ने एक माह में 4000 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत दिखाई है. इस खपत को मकान मालिक ने गलत बताया है.
स्मार्ट मीटर लगने से बढ़ा बिजली बिल
पीड़ित मकान मालिक का दावा है कि मीटर चेक करने आए अधिकारी ने भी स्मार्ट मीटर द्वारा बताए गए बिजली बिल को गलत बताया था. इसके बावजूद बिजली विभाग ने पीड़ित को बढ़ाकर 42800 रुपए का बिजली बिल थमा दिया और बिजली कनेक्शन काट दिया. जैसे इसकी जानकारी कांग्रेस नेताओं को लगी उन्होंने इस बिल का विरोध किया और बिजली विभाग से सुधार करने की मांग की लेकिन पीड़ित को न्याय नहीं मिला.
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नया मीटर लगते ही आया 32000 बिल
बता दें कि जबलपुर के अमखेरा में रहने वाले श्याम बिहारी श्रीवास के घर में बिजली का 1.5 किलोवॉट का कनेक्शन है. बीते दिनों बिजली विभाग ने एक निजी ठेकेदार के माध्यम से श्याम बिहारी श्रीवास के घर का पुराना बिजली मीटर निकालकर उसकी जगह स्मार्ट मीटर लगा दिया गया था. श्याम बिहारी के परिवार की करुणा श्रीवास ने बताया, " उनके घर में 2 कमरे और एक हॉल है. वह केवल एक कमरा एक हॉल का ही इस्तेमाल करते हैं. सामान्य तौर पर उनका बिजली बिल 100 यूनिट के अंदर आता था, लेकिन जैसे ही स्मार्ट मीटर लगाया गया. स्मार्ट लगने के पहले महीने ही बिजली कंपनी ने 32000 रुपए का बिल थमा दिया."
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चेक मीटर और स्मार्ट मीटर की रीडिंग अलग
करुणा श्रीवास इस बिजली बिल को लेकर बिजली ऑफिस में गई. जहां उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई कि उनका स्मार्ट मीटर बहुत ज्यादा तेज चल रहा है. बिजली विभाग ने उनकी शिकायत पर स्मार्ट मीटर के साथ ही एक चेक मीटर और लगा दिया. जब 20 दिन बाद दोनों मीटरों को चेक किया गया तो चेक मीटर में बिजली की खपत मात्र 86 यूनिट दर्ज हुई, जबकि स्मार्ट मीटर में यह खपत 495 यूनिट थी. इससे यह सिद्ध हो गया था कि स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी है.
अधिकारी समस्या सुनने को तैयार नहीं
करुणा श्रीवास को उम्मीद थी कि बिजली विभाग बिल में सुधर करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. करुणा ने लगातार बिजली विभाग के कई बार चक्कर काटे और अधिकारियों से काफी गुहार लगाई. इसके बावजूद उसकी बात किसी अधिकारी ने नहीं सुनी, बल्कि करुणा को नया बिल 32000 से बढ़ाकर 42800 का थमा दिया गया. थक हारकर करुणा श्रीवास जबलपुर कांग्रेस नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा के पास पहुंचीं.
कांग्रेस नगर अध्यक्ष ने अधिकारियों से की शिकायत
सौरभ शर्मा बीते 5 सालों से बिजली बिलों के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इस मामले में उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और आरोप लगाया कि करुणा श्रीवास के मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब मात्र 1 किलोवॉट के कनेक्शन में स्मार्ट मीटर जरूरत से ज्यादा रीडिंग दिख रहा है तो बाकी शहर में क्या हो रहा होगा. जबलपुर में हर घर के मीटर बदले जाने हैं, अभी तक 5 लाख से ज्यादा मीटर बदले जा चुके हैं और अभी लगभग 5 लाख मीटर और बदलने हैं.
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स्मार्ट मीटर खराब है मानने को तैयार नहीं विभाग
अधारताल के बिजली विभाग के इंजीनियर मधु सिलेवर कांग्रेस के आंदोलन के बाद करुणा श्रीवास के घर पहुंचे और उन्होंने खुद अपनी आंखों से इस पूरे घटनाक्रम को देखा, लेकिन वह अभी भी यह बताने में असमर्थ हैं कि स्मार्ट मीटर खराब है. उनका कहना है कि अभी स्मार्ट मीटर और चेक मीटर लैब में भेजे जाएंगे. जब लैब की रिपोर्ट आएगी तब जाकर यह तय होगा कि बिजली बिल गलत है या मीटर गलत है. फिलहाल, करुणा के घर की बिजली काट दी गई है और करुणा से कहा जा रहा है कि वह पहले बिजली बिल जमा करें तब उनकी बिजली जोड़ी जाएगी.