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मध्य प्रदेश में IAS निधि सिंह को हटाया, वजह जान पकड़ लेंगे माथा - MP IAS NIDHI SINGH TRANSFERRED

मध्य प्रदेश में एक IAS अधिकारी का तबादला इसलिए कर दिया गया, क्योंकि उन पर जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाने का आरोप लगाया गया.

MP IAS NIDHI SINGH TRANSFERRED
मध्य प्रदेश में IAS निधि सिंह को हटाया (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 8:31 PM IST

भोपाल:मध्य प्रदेश में एक महिला आईएएस पर जनप्रतिनिधियों के फोन नहीं उठाने के आरोप लगने के बाद उनका ट्रांसफर भोपाल नगर निगम से भू-अभिलेख व बंदोबस्त कार्यालय ग्वालियर कर दिया गया है. प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब किसी आईएएस अधिकारी के फोन नहीं उठाने को मुद्दा बनाकर उसका तबादला किया गया है. हालांकि नगर निगम से जुड़े कुछ अधिकारियों का कहना है कि मुद्दा तो कुछ और था, लेकिन मौका नहीं मिल रहा था. जैसे ही मौका मिला उनके खिलाफ नगर निगम भोपाल में निंदा प्रस्ताव लाया गया.

नगर निगम भोपाल में पहली बार निंदा प्रस्ताव

दरअसल, बीते 13 दिसंबर 2024 को परिषद बैठक में नगर निगम की अपर आयुक्त आईएएस निधि सिंह द्वारा जनप्रतिनिधियों का फोन नहीं उठाने को लेकर जनप्रतिनिधियों ने मुद्दा उठाया था. इसको लेकर परिषद में विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया था. जिसके बाद अध्यक्ष ने निधि सिंह को नगर निगम भोपाल से हटाने के लिए प्रस्ताव रखा. जिसका सभी 85 पार्षदों ने समर्थन किया था. इसके साथ ही इस निंदा प्रस्ताव का नोट उनकी सर्विस बुक में रिकार्ड करने के निर्देश भी दिए गए थे. बता दें कि नगर निगम भोपाल के इतिहास में पहली बार ऐसा है, जब किसी अधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया.

ट्रांसफर के आदेश की कॉपी (ETV Bharat)

निंदा प्रस्ताव के एक महीने बाद हुआ ट्रांसफर

नगर निगम भोपाल की परिषद बैठक में निधि सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने के बाद फाइल सामान्य प्रशासन विभाग को भेजी गई थी. इसके एक महीने बाद 13 जनवरी 2025 को सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्यपाल के नाम से और मुख्य सचिव अनुराग जैन के आदेशानुसार ट्रांसफर लेटर जारी किया. जिसमें निधि सिंह का तबादला अपर आयुक्त भोपाल नगर निगम के पद से भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त कार्यालय ग्वालियर में सयुंक्त आयुक्त के पद पर किया. हालांकि 13 दिसंबर को आयोजित निगम परिषद की बैठक में विद्युत शाखा के एई आशीष श्रीवास्तव के फोन नहीं उठाने का मुद्दा भी कांग्रेस पार्षदों ने उठाया था, लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.

आईएएस बोली, फोन न उठाना कोई मुद्दा नहीं

तबादले को लेकर निधि सिंह ने कहा कि "ट्रांसफर रूटीन प्रक्रिया है. इसे मैं पॉजिटिव लेती हूं. नगर निगम भोपाल में रहते हुए मैंने अपने कर्तव्यों को निर्वहन किया. आगे भी जो काम मिलेगा, उसे पूरी ईमानदारी से निभाउंगी. जनप्रतिनिधियों के फोन नहीं उठाने को लेकर आईएएस सिंह ने कहा कि मैं तो सबका फोन उठाती हूं. आपका भी उठाया. यदि कभी न उठा पाउं, तो कॉल बैक जरूर करती हूं. ये कोई मुद्दा नहीं है, हो सकता है मेरे काम करने का तरीका उन्हें अच्छा न लगा हो.

कंडम बसों को लेकर बयान देना भारी पड़ा

बता दें कि शहर में लोक परिवहन के संचालन का काम नगर निगम की होल्डिंग कंपनी बीसीएलएल देखती है. इसमें निधि को सीईओ की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके डायरेक्टर भाजपा पार्षद और एमआईसी सदस्य मनोज राठौर हैं. बताया जाता है कि शहर में कंडम बसों को लेकर निधि सिंह ने मीडिया में एक जबाव दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था, कि कुछ जनप्रतिनिधियों के कारण वो खुलकर काम नहीं कर पा रही हैं. जिसके बाद एमआईसी सदस्य गुस्सा हो गए थे. तब से निधि सिंह के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन परिषद बैठक में जब एई आशीष श्रीवास्तव के फोन नहीं उठाने की बात चल रही थी, तक कुछ पार्षदों ने निधि सिंह को लेकर भी हंगामा शुरू कर दिया. उनका कहना था कि आईएएस सिंह पार्षदों को तवज्जों नहीं देती और जनता से जुड़े हुए कार्यों के लिए फोन नहीं उठाती.

पहले तारीफ, फिर उसी बात पर कार्रवाई

नगर निगम में बीते दो महीने पहले शहर की स्वच्छता की कमान संभाल रहे अपर आयुक्त देवेंद्र चौहान को हटाने के लिए जनप्रतिनिधि लामबंद हुए थे, लेकिन स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम भोपाल आने वाली है. इसको देखते हुए, कुछ दिनों के लिए यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. एक एमआईसी सदस्य ने बताया कि देवेंद्र चौहान को जब हटाने की बात चल रही थी, तब एमआईसी की बैठक में सदस्यों ने कहा था, कि निधि मेडम तो आईएएस हैं, फिर भी एक बार में फोन उठाती हैं. जबकि देवेंद्र सिंह चौहान फोन नहीं उठाते, लेकिन एक सप्ताह में ही ऐसा क्या हो गया, कि निधि सिंह को हटाने के लिए फोन नहीं उठाने का आरोप लगाते हुए निंदा प्रस्ताव लाया गया.

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