जबलपुर।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस एके सिंह ने रेलवे दावा अधिकरण द्वारा साल 2001 में पारित आदेश को न्याय उचित करार दिया है. पूर्व तथा पश्चिम रेलवे जोन के महाप्रबंधक की तरफ से दायर की गयी अपील में कहा गया था कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) ने मई 1990 को एक बैगन आयरन दुर्गापुर स्टील प्लांट से लक्ष्मी नगर के लिए बुक किया था. लक्ष्मी नगर पहुंचने पर SAIL ने माल उठा लिया था. माल प्राप्त करते समय डिलीवरी बुक में हस्ताक्षर भी किये गये थे.
SAIL ने रेलवे दावा अधिकरण में केस दायर किया
इसके बाद सेल ने माल कम होने की बात करते हुए स्टेशन मास्टर से तौल करने की बात कही. स्टेशन मास्टर ने तौल करवाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा था. SAIL ने माल की तौल करवाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क नहीं किया और माल उठाकर ले गये. SAIL ने 2.28 मीट्रिक टन माल कम बताते हुए रेलवे दावा अधिकरण में प्रकरण दायर कर दिया. रेलवे दावा अधिकरण ने 9199.80 पैसा 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ दिये जाने का आदेश जारी कर दिये.
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