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MP हाईकोर्ट से रेलवे को झटका, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया को ब्याज सहित माल की राशि अदा करें - MP high court

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व तथा पश्चिम रेलवे जोन के महाप्रबंधक की तरफ से दायर अपील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने आदेश दिया कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) को ब्याज सहित माल की राशि का भुगतान करें.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 2:19 PM IST

MP high court
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया को ब्याज सहित माल की राशि अदा करें (ETV BHARAT)

जबलपुर।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जस्टिस एके सिंह ने रेलवे दावा अधिकरण द्वारा साल 2001 में पारित आदेश को न्याय उचित करार दिया है. पूर्व तथा पश्चिम रेलवे जोन के महाप्रबंधक की तरफ से दायर की गयी अपील में कहा गया था कि स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) ने मई 1990 को एक बैगन आयरन दुर्गापुर स्टील प्लांट से लक्ष्मी नगर के लिए बुक किया था. लक्ष्मी नगर पहुंचने पर SAIL ने माल उठा लिया था. माल प्राप्त करते समय डिलीवरी बुक में हस्ताक्षर भी किये गये थे.

SAIL ने रेलवे दावा अधिकरण में केस दायर किया

इसके बाद सेल ने माल कम होने की बात करते हुए स्टेशन मास्टर से तौल करने की बात कही. स्टेशन मास्टर ने तौल करवाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा था. SAIL ने माल की तौल करवाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क नहीं किया और माल उठाकर ले गये. SAIL ने 2.28 मीट्रिक टन माल कम बताते हुए रेलवे दावा अधिकरण में प्रकरण दायर कर दिया. रेलवे दावा अधिकरण ने 9199.80 पैसा 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ दिये जाने का आदेश जारी कर दिये.

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हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं की अपील खारिज

याचिकाकर्ताओं की तरफ से तर्क दिया गया कि निजी साइडिंग में रेलवे की तौल मशीन नहीं होती. इसके बाद रेलवे दावा अधिकरण में 21 दिन देर से दावा किया गया था. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि SAIL सरकारी उद्यम है. माल कम होने का उसने विरोध जताते हुए तौल करवाने की बात कही थी. इसके बाद SAIL माल उठाकर ले गया और निजी तौर पर तौल करवाई. तौल में माल कम होने पर रेलवे दावा अधिकरण के समक्ष दावा किया. एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए रेलवे दावा अधिकरण के आदेश को बरकरार रखा है.

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