जबलपुर : मप्र हाईकोर्ट ने करोड़ों रु का साइबर अपराध करने वाले आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस पी.के अग्रवाल की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि आरोपी श्रीलंका की सिम का उपयोग कर पाकिस्तान के 'गनी बाबा' नाम के शख्स के लिए काम कर रहा था. उसने कई लोगों के अकाउंट डिटेल्स पाकिस्तान भेजे थे, जिसकी मदद से मध्यप्रदेश में भी करोड़ों के साइबर फ्रॉड हुए. इसमें आरोपी के साथ काम करने वाले मध्यप्रदेश के भी कुछ लोग शामिल हैं.
क्या है एमपी में ठगी का पाकिस्तानी कनेक्शन?
दरअसल, अगस्त 2024 में भोपाल क्राइम ब्रांच की टीम ने शिवम शर्मा की शिकायत पर वैभव व एक अन्य के खिलाफ बैंक फ्रॉड के मामले में कार्रवाई की थी. क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया था कि आरोपी वैभव अपने एक साथी के साथ मिलकर भोपाल, सीहोर और आष्टा में रहने वाले भोले-भाले लोगों के बैंक अकाउंट किराए पर लेता है, जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी से मिलने वाली रकम ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था. जांच में नया मोड़ तब आया जब पता चला कि वैभव और उसका एक दोस्त रकम निकालकर मामले के मुख्य आरोपी तमिलनाडु निवासी बाबूलाल उर्फ बबलू को भेजते थे. बाबूलाल को जब पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उसके पास से श्रीलंका की सिम और पाकिस्तान कनेक्शन के कई सबूत मिले.