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विजयपुर में किसकी फहरेगी विजय पताका, जानें जातीय समीकरण के मायने

विजयपुर विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को मतदान होगा. सोमवार को प्रचार का अंतिम दिन है. जानें विजयपुर सीट का जातिगत समीकरण.

RAMNIVAS RAWAT VS MUKESH MALHOTRA
भाजपा से रामनिवास रावत और कांग्रेस से मुकेश मल्होत्रा मैदान में (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 5:34 PM IST

श्योपुर: मध्य प्रदेश में 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होनी है. बुधनी के साथ विजयपुर सीट पर भी बीजेपी और कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. सोमवार को प्रचार का आखिरी दिन है, उससे पहले इन दोनों प्रमुख पार्टियों के साथ सभी प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है. चुनाव प्रचार अपने चरम पर है. विजयपुर में सीएम डॉ मोहन यादव के साथ पार्टी के दिग्गज नेता जनसभाएं और नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस भी पीछे नहीं है. उसके प्रदेश स्तर के नेता लगातार यहां सक्रिय हैं. मोटे तौर पर देखा जाए तो अभी तक विजयपुर सीट पर दोनों प्रमुख पार्टियों के 50 से अधिक बड़े नेता प्रचार के लिए आ चुके हैं.

6 बार विधायक रह चुके हैं रामनिवास रावत

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रामनिवास रावत यहां से लगातार 6 बार विधायक रह चुके हैं. लेकिन अबकी बार वह हाथ का पंजा नहीं बल्कि कमल के फूल के लिए वोट मांग रहे हैं. उनका विजय रथ रोकने के लिए कांग्रेस से मुकेश मल्होत्रा मैदान में हैं. चुनाव प्रचार में लगी कांग्रेस ने कई बार जिले के अधिकारियों पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया है. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी के 6 साल पुराने वीडियो वायरल करने के मामले में कांग्रेस नेता उमंग सिंघार, दिग्विजय सिंह और हेमंत कटारे पर एफआईआर भी दर्ज हुई है. कांग्रेस पूरी कोशिश में है कि पार्टी बदलने वाले रामनिवास रावत को पटखनी दी जाए. वहीं, रामनिवास रावत अब सरकार में मंत्री बन चुके हैं तो, मंत्री पद बरकरार रखने के लिए उन्हें हर हाल में ये सीट जीतनी होगी.

भाजपा और कांग्रेस जोर शोर से लगी हैं प्रचार में (ETV Bharat)

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विजयपुर सीट का जातिगत समीकरण

जातिगत आंकड़ों की बात करें तो, यहां पर आदिवासी मतदाताओं का दबदबा है. इसी को देखते हुए कांग्रेस ने आदिवासी चेहरे पर दांव खेला है. आदिवासी वोटरों की संख्या करीब 60 हजार है. जबकि जाटव मतदाता भी ठीक ठाक संख्या में हैं, उनकी संख्या 32 हजार है. इसके अलावा 26 हजार रावत, 17 हजार ब्राह्मण जबकि गुर्जर, मारवाड़ी और धाकड़ समाज के वोटरों की संख्या 15-15 हजार है. जबकि वैश्य और यादव मतदाताओं की संख्या करीब 8-8 हजार है. इसके अलावा 5 हजार मुस्लिम मतदाता हैं. मोंगिया और बघेल भी 4-4 हजार के करीब हैं.

नोट- ये जातिगत आंकड़े राजनीतिक पार्टियों और राजनैतिक जानकारों द्वारा लगाए जाने वाले अनुमान पर आधारित हैं.

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