रीवा।एमपी के रीवा ससंदीय सीट ने हो रहे मतदान को लेकर एक तरफ जहां मतदाता बड़ी संख्या में वोट करने घरों से निकल कर मतदान केंद्र पहुंच रहे हैं. वहीं जिले के कुछ इलाकों में मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार भी किया है. मतदान का बहिष्कार करने वाले कुछ ग्रामीणों का तो कहना है की 'आजादी के बाद से अब तक उनके गांव की मुख्य सड़क नहीं बनी. इसलिऐ रोड नहीं तो वोट नहीं. जबकि कुछ गांवों में मतदाता मूलभूत सुविधाओं वंचित होने के चलते पूरी तरह से मतदान का बहिष्कार कर दिया. नाराज मतदाताओं को मनाने के लिए प्रशानिक आधिकारी अब जद्दोजहद में करने में जुटे हुए हैं.
मूलभूत सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों ने किया मतदान का बहिष्कार
मध्य प्रदेश में लगभग पिछले 20 सालों से यानि के 4 पंचवर्षीय से भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में काबिज है और भाजपा के नेता भी बड़े बड़े विकास के तमाम दावे करते नजर आते हैं. अगर रीवा की बात की जाए तो यहां पर आठ विधानसभा क्षेत्र है. जिनमें से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कुछ ऐसे भी गांव हैं, जहां पर आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद से अब तक ग्रामीणों को सड़क तक नसीब नहीं हो सकी है. कुछ गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. चुनावी समय में नेता जानता के बीच जाकर बड़े-बड़े विकास के वादे करते हैं, लेकिन सत्ता पाने के बाद वहीं नेता जनता से किए गए वादों को भुला देती है.
जिले के तीन पोलिंग बूथों पर रुका था मतदान
रीवा जिले में लोकसभा चुनाव आज संपन्न हो रहे हैं, तो जनता ने जनप्रतिनिधियों के साथ ही नेताओं को सबक सिखाने के लिऐ मतदान का ही बहिष्कार कर दिया. जिले के मनगवां और सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के दो गांवों में तीन पोलिंग बूथों के मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार करते हुए वोट करने से इनकार कर दिया.
मतदाताओं ने लगाया "रोड नहीं तो वोट नहीं" का नारा