मुरैना।न्यायालय द्वारा याचिका को खारिज किए जाने के बाद महापौर ने राहत की सांस ली है. नगरीय निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से महापौर शारदा सोलंकी द्वारा नामांकन दाखिल किया गया. आरोप है कि उस समय उत्तर प्रदेश का जाति प्रमाण पत्र लगाया गया था. जब इस पर आपत्ति हुई तो उन्होंने तत्काल मध्य प्रदेश का जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया. लेकिन वह मान्य नहीं किया गया. चुनाव के बाद भाजपा प्रत्याशी रही मीना मुकेश जाटव ने न्यायालय में जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी.
कोर्ट में डेढ़ साल से चल रही थी सुनवाई
इस पर लगभग डेढ़ वर्ष से सुनवाई और तारीख चल रही थीं. इस मामले में गुरुवार को फैसला आया. इसका सभी को बेसब्री से इंतजार था. सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्याधीश मोहम्मद अरशद द्वारा याचिका को खारिज कर दिया. मीना मुकेश जाटव के वकील विष्णु माहेश्वरी ने बताया "न्यायाधीश द्वारा कहा गया कि उच्चतम न्यायालय का डायरेक्शन था, इसके लिए जाति प्रमाण पत्र की वैलिडिटी परखने का काम राज्य की स्कूटनी कमेटी का है, न्यायालय को नहीं है. इस आधार पर याचिका खारिज की गई."
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