ग्वालियर : शहरों में प्रचार का एक बड़ा माध्यम आजकल होर्डिंग्स हैं और नगर निगम द्वारा भी इन होर्डिंग्स को लगाने के लिए जगह उपलब्ध कराई जाती. लेकिन जिन होर्डिंग्स के दम पर नेता अपनी राजनीति चमकाते हैं ग्वालियर में उन्हीं होर्डिंग्स को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. दरअसल, ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र की प्राइवेट एडवरटाइजिंग कंपनी पर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए जगह-जगह अवैध होर्डिंग पिलर बनाने के आरोप लगे हैं. इन अवैध होर्डिंग्स पर बैनर चढ़ाकर गलत तरीके धन उगाही के आरोप भी लग रहे हैं.
आरओबी पर लगे होर्डिंग से मचा बवाल
पूरा मामला ग्वालियर रेल्वे स्टेशन इलाके से गुजरे रेल ओवर ब्रिज पर लगे होर्डिंग से गरमाया है. आरोप हैं कि यहां एक प्राइवेट एडवरटाइजिंग कंपनी द्वारा बिना अनुमति बड़े होर्डिंग सेट खड़े कर दिए गए हैं. जिनपर प्रचार प्रसार भी जारी है लेकिन इनकी अनुमति संबंधी कोई जानकारी निगम में नहीं है. जब इस बात को लेकर ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर से बात करने का प्रयास मीडिया ने किया तो उन्होंने इस संबंध में बात करने से ही मना कर दिया.
होर्डिंग्स पर बवाल, कांग्रेस के सवाल
होर्डिंग्स का यह मुद्दा अब सियासत की भी वजह बन चुका है यही कारण है कि कांग्रेस निगम अधिकारियों को भाजपा का एजेंट बता रही है. हालांकि, बीजेपी जिम्मेदार अधिकारियों से बात कर कार्रवाई करने की बात कह रही है. कांग्रेस के प्रदेश मीडिया उपाध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा, '' अनाधिकृत रूप से लगाए गए जा रहे होर्डिंग्स एक गम्भीर विषय है क्योंकि इससे सीधे तौर पर राजस्व की हानि होती है. और पूर्व में भी जो नगर निगम आयुक्त थे उन्होंने इस पर खुद खड़े होकर कार्रवाई कराई थी. होर्डिंग तुड़वाए थे और भारी जुर्माना एडवरटाइजिंग कंपनी पर लगाया था.''
बीजेपी का एजेंट बनकर कम ना करें निगम आयुक्त : कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश मीडिया उपाध्यक्ष ने आगे कहा, '' अगर नगर निगम कमिशनर के संज्ञान में अनाधिकृत होर्डिंग्स का विषय नहीं है तो यह बड़ी बात है. अगर उनकी जानकारी में यह बात है तो उनके लिए साफ तौर पर कहेंगे कि भाजपा के एजेंट बनकर काम न करें क्योंकि राजस्व का लॉस सीधे की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी पर ही होती है. इसमें एफआईआर तक का प्रावधान है और इस विषय की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस भी कोर्ट तक इस मुद्दे को लेकर जाएगी.''
गंभीर विषय कार्रवाई होनी चाहिए : बीजेपी
इधर ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने कहा, '' होर्डिंग लगाने के लिए पीआर एजेंसी द्वारा जगह चिन्हित कर नगर निगम से अनुमति लेनी होती है, निगम को भी इससे राजस्व मिलता है. और अगर कहीं अवैध और अनाधिकृत रूप से ग्वालियर में होर्डिंग्स लगाए गए हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. यह सिर्फ राजस्व से जुड़ा मुद्दा ही नहीं बल्कि शहर की सुंदरता पर असर डालने वाला भी विषय है और इसे गंभीरता से लेना जरूरी है.''