जबलपुर: नीट-पीजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के तहत प्रदेश के निवासरत छात्रों को आवंटित सीटें निरस्त कर दी गई है. निरस्त की गई सीटों को दूसरी काउंसलिंग में शामिल नहीं किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई शुक्रवार 31 जनवरी को निर्धारित की गई है.
पीजी मेडिकल के लिए प्रदेश में एनआरआई कोटे के तहत कुल 117 सीटें हैं आवंटित
भोपाल निवासी ख्याति शेखर की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि पीजी मेडिकल के लिए प्रदेश में एनआरआई कोटे के तहत कुल 117 सीटें हैं. पहले राउंड की काउंसलिंग में एनआरआई कोटे के तहत कुल 84 सीट आवंटित की गई हैं. जिसमें से 48 सीट प्रदेश में निवासरत छात्रों को प्रदान की गई थी. डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन ने 19 जनवरी को एक नोटिस जारी कर इन छात्रों को 21 जनवरी को अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने आदेश जारी किए थे.
- एमपी पुलिस आरक्षक भर्ती में अनियमितता, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14,000 वैकेंसी को लेकर मांगा जवाब
- ओबीसी रिजर्वेशन: कमलनाथ से लेकर अब तक, रास्ता हुआ साफ या अभी भी हैं मुश्किलें ?
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी ने न्यायालय को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि मेडिकल की एक भी सीट रिक्त नहीं होनी चाहिए.
एनआरआई कोटे के तहत निरस्त की गई 48 सीटों को नहीं भरने की नहीं हो रही कार्रवाई
डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन एनआरआई कोटे के तहत निरस्त की गई 48 सीटों को भरने के लिए किसी तरह की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. दूसरी पीजी काउंसलिंग की प्रक्रिया 2 फरवरी तक जारी रहेगी. इसके बाद सिर्फ मॉप अप राउंड ही शेष रह जाएगा.डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन ने निरस्त की गई एनआरआई कोटे की 48 सीटों को सामान्य कोटे में स्थानांतरित कर दूसरी काउंसलिंग में शामिल करने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.