ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर की मुरार नदी को पुनर्जीवित करने को लेकर किए गए प्रयास अब बड़ा रूप लेने जा रहे हैं. मुरार नदी को नमामि गंगे योजना के तहत विकसित किया जाएगा. जिसके लिए नदी के करीब 12.63 किलोमीटर क्षेत्र को संवारने का काम किया जाएगा. ना सिर्फ इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में तैयार करने का प्लान है बल्कि इससे क्षेत्र में गिरते जल स्तर को भी सुधारने का प्रयास किया जा रहा है.
चौड़ीकरण के लिए होगा भूमि अधिग्रहण
नमामि गंगे योजना में शामिल होने के बाद अब मुरार नदी को विकसित और पुनर्जीवित करने का काम प्रोजेक्ट की प्रोफाइल के अनुसार होगा. नमामि गंगे योजना के हिसाब से मुरार नदी के दोनों किनारों का चौड़ीकरण किया जाएगा. क्योंकि वर्तमान में नदी का पाट सिर्फ 18 से 20 मीटर ही है. ऐसे में इसकी चौड़ाई बढ़ाई जाएगी. जिसके लिए निजी भूमि भी अधिग्रहण की जाएगी.
अतिक्रमण हटाने का काम करेगा नगर निगम
मुरार नदी को योजना में शामिल करने की दृष्टि से डेढ़ साल से इस पर काम चल रहा था. लेकिन एक बड़ी समस्या नदी के दोनों किनारों का अतिक्रमण बन रहा है. नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव कहते हैं कि, इस योजना के तहत सर्वे किया जा रहा है साथ ही अतिक्रमण भी चिन्हित कराए जा रहे हैं. जल्द ही इन अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई भी की जाएगी. आने वाले समय में ये नदी एक बार फिर जल और पर्यटन दोनों की संभावनों से सराबोर होगी.''
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इस तरह बनेगा पिकनिक स्पॉट
ग्वालियर के रमौआ से जड़ेरुआ बांध तक बहती मुरार नदी पर नमामि गंगे योजना के तहत तीन चरणों में कार्य किया जाएगा. जिसमें 6 पुल तैयार किए जाएंगे. साथ ही नदी के ढाई किलोमीटर क्षेत्र पर कंक्रीट पाथ का भी निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही सौंदर्यीकरण के तहत प्रवेश द्वार बनाया जाएगा. गजेबो और शौचालय ब्लॉक भी बनेगा.