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महाराष्‍ट्र में गुलिय-बैरे सिंड्रोम का आतंक, सतारा में चार बच्चे संक्रमित, पिंपरी चिंचवड़ में एक मौत - GBS CASES IN MAHARASHTRA

सतारा में गुलियन-बैरे सिंड्रोम के चार संदिग्ध मरीज मिले हैं. वहीं, पिंपरी चिंचवड़ में एक मरीज की मौत हो चुकी है.

GBS cases in Maharashtra
प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV BHARAT REPORTER)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 31, 2025, 9:38 AM IST

Updated : Jan 31, 2025, 3:03 PM IST

सातारा: पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले सामने आ रहे हैं. इस सिलसिले में स्वास्थ्य विभाग नजरे बनाए हुए है. ताजा जानकारी के मुताबिक पुणे के बाद अब सतारा में भी इस बीमारी के चार संदिग्ध मरीज मिले हैं. वहीं, पूरे राज्य में जीबीएस के संदिग्ध मरीजों की संख्या 130 तक पहुंच गई है.

सतारा जिले में जो चार संदिग्ध मरीज मिले हैं, वे सभी 15 वर्ष से कम आयु के बताए जा रहे हैं. स्वास्थ्य अधिकारी महेश खलीपे के अनुसार, इन मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. दो मरीजों का उपचार सतारा सरकारी अस्पताल में, एक का निजी अस्पताल में और एक का कराड के कृष्णा अस्पताल में किया जा रहा है. घबराने की कोई बात नहीं हैं क्योंकि सभी चारों बच्चों की हालत स्थिर है और विभाग उनकी स्थिति पर निरंतर नजर बनाए है.

पिंपरी चिंचवड़ में एक मरीज की मौत
वहीं, पिंपरी चिंचवड़ शहर के अलग-अलग इलाकों में जीबीएस सिंड्रोम के 13 संदिग्ध मरीज पाए गए. इनमें से 5 मरीज ठीक हो चुके हैं और एक मरीज की मौत हो चुकी है. इसलिए पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग ने जीबीएस सिंड्रोम बीमारी पर लगाम लगाने के लिए घर-घर जाकर सर्वे शुरू किया है. जिन इलाकों में जीबीएस सिंड्रोम के मरीज ज्यादा पाए जा रहे हैं, वहां पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका की ओर से सर्वे किया जा रहा है और 8 विभागों में 2-2 की 16 टीमें तैनात की गई हैं. इन टीमों ने अब तक 10 हजार 43 घरों की जांच की है.

बता दें, गुलियन-बैरे सिंड्रोम एक संभावित गंभीर शारीरिक स्थिति है, जो मुख्य रूप से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा तंत्रिका तंतु को क्षति पहुंचाने के कारण होती है. इसके प्रारंभिक लक्षण इस तरह हैं.

  • मांसपेशियों में कमजोरी, यह इस रोग का सबसे प्रमुख लक्षण है.
  • आमतौर पर पैरों और हाथों में झनझनाहट और चुभन महसूस होता है.
  • कई बार प्रभावित व्यक्ति को छूने या दबाव महसूस करने में समस्या हो सकती है.
  • पैरों और मांसपेशियों की कमजोरी के कारण व्यक्ति सीधा खड़ा नहीं हो पाता और चलने में परेशानी हो सकती है.
  • कमजोरी के अलावा, असामान्य संवेदनाएं जैसे झुनझुनी और सनसनी भी इस स्थिति में महसूस की जाती हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित और संदिग्ध मरीजों के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है. प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद ही संदिग्ध मरीजों का निदान स्पष्ट किया जा सकेगा, इसलिए विभाग ने लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है. सभी को सलाह दी गई है कि वे इसके लक्षणों के प्रति सावधान रहें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल में चार दिन में GBS सिंड्रोम बीमारी से तीन लोगों की मौत

सातारा: पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामले सामने आ रहे हैं. इस सिलसिले में स्वास्थ्य विभाग नजरे बनाए हुए है. ताजा जानकारी के मुताबिक पुणे के बाद अब सतारा में भी इस बीमारी के चार संदिग्ध मरीज मिले हैं. वहीं, पूरे राज्य में जीबीएस के संदिग्ध मरीजों की संख्या 130 तक पहुंच गई है.

सतारा जिले में जो चार संदिग्ध मरीज मिले हैं, वे सभी 15 वर्ष से कम आयु के बताए जा रहे हैं. स्वास्थ्य अधिकारी महेश खलीपे के अनुसार, इन मरीजों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. दो मरीजों का उपचार सतारा सरकारी अस्पताल में, एक का निजी अस्पताल में और एक का कराड के कृष्णा अस्पताल में किया जा रहा है. घबराने की कोई बात नहीं हैं क्योंकि सभी चारों बच्चों की हालत स्थिर है और विभाग उनकी स्थिति पर निरंतर नजर बनाए है.

पिंपरी चिंचवड़ में एक मरीज की मौत
वहीं, पिंपरी चिंचवड़ शहर के अलग-अलग इलाकों में जीबीएस सिंड्रोम के 13 संदिग्ध मरीज पाए गए. इनमें से 5 मरीज ठीक हो चुके हैं और एक मरीज की मौत हो चुकी है. इसलिए पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका के स्वास्थ्य विभाग ने जीबीएस सिंड्रोम बीमारी पर लगाम लगाने के लिए घर-घर जाकर सर्वे शुरू किया है. जिन इलाकों में जीबीएस सिंड्रोम के मरीज ज्यादा पाए जा रहे हैं, वहां पिंपरी चिंचवड़ महानगरपालिका की ओर से सर्वे किया जा रहा है और 8 विभागों में 2-2 की 16 टीमें तैनात की गई हैं. इन टीमों ने अब तक 10 हजार 43 घरों की जांच की है.

बता दें, गुलियन-बैरे सिंड्रोम एक संभावित गंभीर शारीरिक स्थिति है, जो मुख्य रूप से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा तंत्रिका तंतु को क्षति पहुंचाने के कारण होती है. इसके प्रारंभिक लक्षण इस तरह हैं.

  • मांसपेशियों में कमजोरी, यह इस रोग का सबसे प्रमुख लक्षण है.
  • आमतौर पर पैरों और हाथों में झनझनाहट और चुभन महसूस होता है.
  • कई बार प्रभावित व्यक्ति को छूने या दबाव महसूस करने में समस्या हो सकती है.
  • पैरों और मांसपेशियों की कमजोरी के कारण व्यक्ति सीधा खड़ा नहीं हो पाता और चलने में परेशानी हो सकती है.
  • कमजोरी के अलावा, असामान्य संवेदनाएं जैसे झुनझुनी और सनसनी भी इस स्थिति में महसूस की जाती हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमित और संदिग्ध मरीजों के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया है. प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद ही संदिग्ध मरीजों का निदान स्पष्ट किया जा सकेगा, इसलिए विभाग ने लोगों को जागरूक करने का निर्णय लिया है. सभी को सलाह दी गई है कि वे इसके लक्षणों के प्रति सावधान रहें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल में चार दिन में GBS सिंड्रोम बीमारी से तीन लोगों की मौत

Last Updated : Jan 31, 2025, 3:03 PM IST
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