मुरैना। लोकतंत्र में आम जनता का क्या महत्व है, यह चुनाव के दौरान पता चलता है और आमजन के वोट से ही नेता सांसद, विधायक और मंत्री बनते हैं. जब वह पद पर पहुंच जाते हैं तो देश के मतदाता को कीड़ा मकोड़ा समझ लिया जाता है. इसका जीता जागता उदाहरण शनिवार को मुरैना जिला अस्पताल में देखने को मिला. यहां पर चार दिन से आईसीयू वार्ड में एडमिट सांस के वृद्ध मरीज को केंद्रीय मंत्री के भर्ती करने की खबर के बाद गैलरी में पटक दिया गया. अस्पताल प्रबंधन की इस हरकत के विरोध में वृद्ध के परिजन में आक्रोश देखने को मिला. वहीं अब अस्पताल प्रबंधन सफाई देता फिर रहा है.
मंत्री के लिए मरीज को गली में लिटाया
जिले के सिहोनियां कस्बे के रहने वाले 85 वर्षीय साधू सिंह सिकरवार के फेफड़ों में कफ जम गया था. जिसके चलते सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, इसलिए उनके परिजन ने उनको 18 जून को जिला अस्पताल के ICU वार्ड में भर्ती कराया था. बीमार वृद्ध के नाती ने बताया कि शनिवार को स्टाफ ने साधू सिंह को आईसीयू यूनिट से बाहर गली में लिटा दिया. स्टाफ का कहना था कि कोई मंत्री आ रहे हैं उनके लिए पलंग खाली करना है.
सिविल सर्जन के आदेश पर बेड कराया गया खाली
नर्सिंग स्टॉफ से जब इस मामले को लेकर बात की गई, तो उनका कहना था कि सिविल सर्जन का आदेश पर बेड को खाली कराया गया था. बता दें कि केंद्रीय मंत्री जितनराम मांझी ग्वालियर से धौलपुर की तरफ जा रहे थे. इसी दौरान उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई. जिस कारण उनको जिला अस्पताल लाया जा रहा है. इसलिए ICU वार्ड का एक पलंग खाली करवाना पड़ा. स्टाफ का कहना था कि "उनके जाने के बाद मरीज को फिर से भर्ती कर लिया जायेगा."
केंद्रीय मंत्री जितनराम मांझी की बिगड़ी तबीयत