मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की करें पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना - Mohini Ekadashi - MOHINI EKADASHI
Mohini Ekadashi मोहिनी एकादशी भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा करने का दिन है. इसे लक्ष्मीनारायण एकादशी भी कहा जाता है. 19 मई रविवार को मोहिनी एकादशी पड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है.
रायपुर: मोहिनी एकादशी का व्रत 19 मई को सर्वार्थ सिद्धि योग, पुष्कर योग और बहुत सारे सुंदर संयोग में मनाया जाएगा. रविवार का शुभ संयोग लक्ष्मीनारायण एकादशी के महत्व को और भी बढ़ा रहा है. हस्त नक्षत्र, वज्र और मानस योग, विष्कुंभ और ववकरण, कन्या राशि के चंद्रमा के कारण एकादशी का महत्व और बढ़ गया है.
मानी जाती है सभी एकादशी में अति विशिष्ट एकादशी: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा रविवार के दिन करने पर सभी कामनाएं इच्छाएं और अभिलाषाएं पूरी होती है. रविवार और भगवान श्री हरि विष्णु का विशेष संबंध माना गया है. मान्यता है कि मोहिनी एकादशी सभी एकादशियों में अति विशिष्ट एकादशी के रूप में जानी जाती है."
मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की ऐसे करें पूजा: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि " इस दिन व्रत, उपवास, स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया. आज के दिन वागदान या वचन का दान करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जाता हैं. इस शुभ दिन स्नान करके मंत्रों के साथ श्री हरि विष्णु की पूजा करनी चाहिए. श्री हरि विष्णु को दूब, सुगंधित फूलों की माला, कमल के फूल, नीलकमल, ब्रह्म कमल और लाल कमल अर्पित करना चाहिए. सभी तरह के ऋतु फल का भोग लगाना चाहिए."
पूरी होती है हर मनोकामना: पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि मोहिनी एकादशी के दिन रामरक्षा स्रोत, विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा, हनुमान चालीसा, गीता का पाठ करना चाहिए. आज के दिन भगवान विष्णु जी को मन में स्थापित कर ध्यान करने से सभी कामनाएं और इच्छा पूर्ण होती है. लक्ष्मीनारायण एकादशी ओडिशा में भी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है. भगवान के मंदिरों में पूजा-पाठ, हवन कीर्तन, भजन, गीत, चौपाई गाये जाते हैं. इस शुभ दिन कोई भी नया काम करने पर पूरी सफलता मिलती है.