जशपुर : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला पुलिस ने गुमशुदा बच्चों को तलाशने के लिए ऑपरेशन मुस्कान की शुरुआत की. इस अभियान के तहत पिछले एक साल में 138 गुमशुदा बच्चों को सकुशल बरामद कर पुलिस ने उनके परिवारों के चेहरों पर खुशियां लौटाई हैं. जशपुर पुलिस के किए गए प्रयासों से ना केवल जिले में, बल्कि राज्य और देश के अन्य हिस्सों से भी गुम बच्चों को खोज निकाला है.
138 गुमशुदा बच्चों को किया बरामद : इस सफलता को लेकर जशपुर एसएसपी शशि मोहन सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि जशपुर पुलिस ने पिछले एक साल में राज्य के कई जिलों से 15 बच्चों को बरामद किया, जिनमें रायगढ़ से 12, सक्ति से 1, बिलासपुर से 1 और अंबिकापुर से 1 बच्चा शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस ने देश के कई राज्यों से भी 19 बच्चों को बरामद किया. इन बच्चों को हरियाणा, झारखंड, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, कर्नाटक और दिल्ली से सकुशल वापस लाया गया है.
जशपुर पुलिस के लगातार प्रयासों और सक्रिय मुखबिर तंत्र के जरिए ऑपरेशन अभियान के तहत गुमशुदा बच्चों को ढूंढने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है : शशि मोहन सिंह, एसएसपी, जशपुर
हैरान करने वाले गुमशुदगी के आंकड़े : पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार, गुमशुदा बच्चों के केस में 56 प्रतिशत मामलों बच्चों के प्रेम प्रसंग की वजह, 49 प्रतिशत में घरवालों से नाराज होकर और 33 प्रतिशत केस में बच्चे काम के लालच में आकर घर छोड़ चुके थे. इसके अलावा कुछ बच्चों ने घूमने के बहाने घर छोड़ने जैसा बड़ा कदम उठाया था.
गुम बच्चों को ढूंढने के लिए जिले के बाहर और राज्य के बाहर लगातार टीम भेजी गई, जिसका नतीजा रहा कि इतनी बड़ी संख्या में लापता लोगों को ढूंढने में सफल हुए. खासकर, नाबालिक बालक-बालिकाओं को ढूंढना पुलिस के लिए चुनौती थी. हम आगे भी इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहेंगे : शशि मोहन सिंह, एसएसपी, जशपुर
एक साल में 342 लापता लोगों को खोजा : जशपुर पुलिस को लापता लोगों के मामलों में भी उल्लेखनीय सफलता मिली है. पिछले एक साल में पुलिस ने कुल 342 लापता लोगों को ढूंढकर उनके घर लौटाया है, जिनमें से कई लोग कई दिनों या हफ्तों से लापता थे. जशपुर एसएसपी शशि मोहन सिंह ने इस सफलता को पुलिस की मेहनत, समर्पण और टीमवर्क का परिणाम बताया है.
जागरूकता के लिए चलाएगी नया अभियान : इन घटनाओं को देखते हुए, पुलिस अब बच्चों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए पुलिस एक विशेष अभियान शुरू करने जा रही है. इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को घर से भागने से रोकने और उन्हें उचित मार्गदर्शन देना है.