भोपाल : आपराधिक घटनाओं के बाद सबूत को फोरेंसिक लैब भेजने से जांच में लंबा समय लगता था, कई बार साक्ष्य पुराने होने से घटना के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती थी. लेकिन अब सरकार जल्द ही 57 फोरेंसिक मोबाइल वैन खरीदने जा रही है. घटना की जानकारी मिलते ही यह फोरेंसिक वैन मौके पर पहुंचेगी और मौके पर ही साक्ष्यों का परीक्षण करेगी.
तुरंत मिलेगी फिंगर प्रिंट और डीएनए की रिपोर्ट
फोरेंसिक मोबाइल वैन के आने के बाद मौके पर मिले खून के नमूनों की भी जांच हो सकेगी. वैन में मौजूद यंत्रों और रसायन की मदद से तुरंत पता चल सकेगा कि खून मृतक का है, या किसी और का. इसके अलावा महिलाओं से होने वाले अपराध, खासकर दुष्कर्म के मामले में भी मोबाइल फोरेंसिक वैन काफी मददगार साबित होगी. इस मोबाइल फोरेंसिक साइंस लैब द्वारा डीएनए परीक्षण, सीरम, गनशाट, डकैती, विस्फोटक सामग्री, फिंगर प्रिंट, फुट प्रिंट, लाइ डिटेक्टिंग, टायर मार्क्स आदि की जांच घटना स्थल पर ही हो जाएगी.
मोबाइल वैन में रहेंगी 14 प्रकार की जांच किट
फुट प्रिंट व टायर कास्टिंग, हाई इंटेन्सिटी फोरेंसिक लाइट सोर्स, क्राइम सीन प्रोटेक्शन, ब्लड एंड सीमन स्क्रीनिंग और कलेक्शन, जनरल इंवेस्टिगेशन, डीएनए एंड सेक्सुअल असॉल्ट एविडेंस, कंपलीट फिंगर प्रिंट लिफ्टिंग, नारकोटिक्स स्क्रीनिंग एंड कलेक्शन, एवीडेंस कलेक्शन एड पैकिंग, एक्सप्लोसिव स्क्रीनिंग एंड कलेक्शन, आरसन्ल इंवेस्टिगेटिव किट विथ गैस डिटेक्शन, फिंगर प्रिंट डेवलपमेंट, गन शाट रिड्यूस स्क्रीनिंग और कलेक्शन, बुलेट होल स्क्रीनिंग एंड कलेक्शन की सुविधा इस फोरेंसिक वैन में उपलब्ध होगी.