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मतदान से पहले 50 वोटों का होगा मॉक पोल, एजेंटों के सामने किया जाएगा VVPAT से मिलान, सुबह 7 बजे से शुरू होगी वोटिंग - Himachal mock poll before Voting

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 31, 2024, 7:19 PM IST

1 जून को हिमाचल प्रदेश में सुबह 7 बजे से लोकसभा की 4 सीट और विधानसभा की 6 सीटों के लिए मोटिंग शुरू हो जाएगी. लेकिन उससे पहले राज्य के सभी 7992 मतदान केंद्रों में राजनीतिक पार्टियों के एजेंटों की मौजूदगी में 50 वोटों का मॉक पोल होगा. ताकि ईवीएम से वोटिंग को लेकर पारदर्शिता बनी रहे. पढ़िए पूरी खबर...

हिमाचल प्रदेश में 1 जून को मतदान
हिमाचल प्रदेश में 1 जून को मतदान (ETV Bharat)

शिमला:हिमाचल में लोकसभा सहित विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी. ऐसे में 1 जून को होने वाले मतदान के लिए अब कुछ ही घंटे शेष बचे हैं. प्रदेश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए शनिवार को सुबह 5.30 बजे सभी 7992 मतदान केंद्रों में राजनीतिक दलों के एजेंटों की उपस्थिति में 50 वोटों का मॉक पोल होगा. करीब डेढ़ घंटे तक चलने वाली इस प्रक्रिया के दौरान चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवार के नाम और NOTA के सामने का बटन रैंडम तरीके से कम से कम तीन बार दबाया जाएगा. यह बटन पोलिंग एजेंट द्वारा दबाया जाएगा.

इस दौरान अगर एजेंट उपलब्ध नहीं होगा तो मतदान अधिकारी बटन दबाकर मॉक पोल कर सकते हैं. जिसके बाद उम्मीदवार को डाले गए वोट का वीवीपैट से मिलान किया जाएगा. इस दौरान अगर ईवीएम का बटन दबाने पर बीप की आवाज नहीं आती है तो ईवीएम बदल दी जाएगी. फिर मॉक पोल सीयू को सील किया जाएगा. इसके बाद ठीक 7 बजे से से एक्चुअल वोटिंग शुरू होगी, जो शाम 6 बजे तक चलेगी.

मतदान के लिए सज गए पोलिंग बूथ:हिमाचल में 57 लाख से अधिक मतदाताओं के लिए पोलिंग बूथ सज गए हैं. प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों में पोलिंग पार्टियां पहुंच चुकी है. ऐसे में मतदान केंद्रों में पहुंचने के बाद मतदान के लिए पोलिंग बूथों को सजाया जा चुका है. शिमला संसदीय क्षेत्र के तहत मतदान केंद्र और संख्या पट्टी रिहाना 66 और 70 में पोलिंग बूथ में ईवीएम और साथ रखी वीवीपैट मशीन को अच्छी तरह से कवर किया गया है. ताकि मतदान के समय पारदर्शिता बनी रहे. सभी मतदान केंद्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम है. यहां सभी मतदान केंद्रों पर निष्पक्ष एवं शांतिपूर्वक तरीके से मतदान करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसी तरह की व्यवस्था प्रदेश भर के सभी मतदान केंद्रों में की गई है.

क्या होता है मॉक पोल:मतदान के दिन एक्चुअल वोटिंग शुरू होने से पहले हर मतदान केंद्र में मॉक पोल होती है. इस दौरान चुनाव लड़ रहे हर उम्मीदवार के नाम और NOTA के सामने के बटन को रैंडम तरीके से कम से कम तीन बार दबाया जाता है. हर पोल में कम से कम पचास मॉक पोल होते हैं. यह बटन पोलिंग एजेंट द्वारा दबाया जाता है. इस दौरान अगर एजेंट उपलब्ध नहीं रहते हैं मतदान अधिकारी बटन दबाकर मॉक पोल करते हैं. अगर ईवीएम का बटन दबाने पर बीप की आवाज नहीं आती है तो ईवीएम को बदल दिया जाता है. मॉक पोल के बाद संबंधित पोलिंग स्टेशन पर पीठासीन अधिकारी की ओर से दो प्रतियों में पोल का प्रमाण पत्र तैयार कर उस पर वहां मौजूद पोलिंग एजेंटों के हस्ताक्षर कराए जाते हैं. अगर कोई माइक्रो ऑब्जर्वर नियुक्त होता है, तो उसके भी हस्ताक्षर लिए जाते हैं. हर पोलिंग स्टेशन से सेक्टर ऑफिसर मॉक पोल प्रमाण पत्र की प्रति लेंगे. इस पूरी प्रक्रिया को रिटर्निंग अफसर की निगरानी में किया जाएगा.

मॉक पोल जरूरी क्यों:भारत चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए कई उपाय किए हैं। पहले आम चुनावों से लेकर अब तक मतदान अधिकारी प्रतिरूपण को रोकने के लिए मतदाताओं की उंगलियों पर न मिटने वाली इंक लगाते हैं. आयोग ने टेक्नोलॉजी को भी अपनाया है, जिसके लिए एक ऐप लॉन्च किया है, जो नागरिकों को हाल के वर्षों में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की सहूलियत देता है. ऐसे में लोकसभा चुनावों को विवादों से दूर रखने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग मतदान शुरू होने से पहले मॉक पोल कराता है.

ईवीएम में खराबी और गड़बड़ी होने का चलता है पता:चुनावआयोग हर चुनाव से पहले मॉक पोल कराता है. ताकि ईवीएम में किसी भी तरह की खराबी या गड़बड़ी का पता लगाकर उसे बदला जा सके. मॉक पोल के समय प्रत्याशियों के कम से कम दो पोलिंग एजेंट तय समय पर वहां उपस्थित रहने चाहिए. इस के साथ पीठासीन अधिकारी की ओर से मॉक पोल का उल्लेख प्रमाण पत्र पर किया जाता है. मॉक पोल के दौरान बैलेट यूनिट मतदान कंपार्टमेंट में और कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी की मेज पर रहती है. इसके अलावा, कम से कम दो मतदान अधिकारी और सभी पोलिंग एजेंट वोटिंग कंपार्टमेंट में मौजूद रहते हैं.

क्या है VVPAT:VVPAT इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की बैलट यूनिट से जुड़ा रहता है. सरल भाषा में कहें तो यह एक ड्रॉप बॉक्स वाला प्रिंटर होता है. यह मतदाताओं को उनके द्वारा चुने गए विकल्प का विज़ुअल दिखाता है. इसके साथ ही उस विजुअल को एक पेपर स्लिप पर प्रिंट भी करता है. स्लिप पर उम्मीदवार का सीरियल नंबर, नाम, और पार्टी का सिंबल होता है. ईवीएम के माध्यम से वोट डालते ही यह स्लिप पहले वीवीपैट के सामने लगी एक कांच की विंडो में नजर आती है. वोटर के पास सात सेकंड का टाइम होता है, जिस दौरान वे वोट की सत्यता की जांच कर सकते हैं. सात सेकंड बाद स्लिप नीचे बने कम्पार्टमेंट में गिर जाती है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग का कहना है कि मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. उनका कहना है कि सभी मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू हो जाएगी. जिसके लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं.

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