रांचीः राज्य के मनरेगा कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में वादा निभाओं स्थाई करो अभियान के तहत 18 से 20 जुलाई तक सांकेतिक हड़ताल और 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि इस हड़ताल की वजह से 25 लाख मजदूरों का मजदूरी भुगतान प्रभावित होगा और राज्य सरकार के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के कामकाज प्रभावित हो जाएंगे.
सेवा स्थायीकरण है मुख्य मांग
राज्य में संविदा पर करीब 6000 मनरेगा कर्मचारी हैं, जो विभिन्न मांगों को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे हैं. इनकी मांगों में सबसे प्रमुख मांग सेवा स्थायीकरण है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री आवास घेराव से लेकर झामुमो केंद्रीय कार्यालय घेराव और जिलास्तर पर पिछले दिनों प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को कार्यक्रम के माध्यम से ज्ञापन भेजने का काम किया गया था.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष जॉन पीटर बागे ने कहा कि प्रस्तावित हड़ताल की सूचना मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, प्रधान सचिव और मनरेगा आयुक्त को 20 दिन पूर्व ही दे दी गई है. इसके बावजूद हमारी मांगों पर कोई पहल नहीं की गई. बाध्य होकर हमलोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश हैं. हड़ताल की वजह से सरकार के द्वारा मनरेगा अंतर्गत बिरसा हरित आम बागवानी, बिरसा सिंचाई संवर्धन कूप, वीर पोटो हो खेल मैदान, अबुआ आवास सहित कई महत्वपूर्ण योजना का क्रियान्वयन प्रभावित होगा.