मिर्जापुर: यूपी की हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार मिर्जापुर लोकसभा सीट से सपा सुप्रीमो ने डेढ़ महीने बाद प्रत्याशी राजेन्द्र एस बिंद का टिकट काट कर अब रमेश चंद बिंद को मैदान में उतार कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. सपा ने रमेश बिंद को मिर्जापुर से लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर मंझवा क्षेत्र के भारी संख्या वाले बिंद मतदाताओं को साधने की कोशिश की है. तो भदोही में अपने सहयोगी टीएमसी नेता ललितेश पति त्रिपाठी को भी मजबूत करने की कोशिश किया है. कह सकते हैं कि अखिलेश यादव ने एक साथ दो सीटों को साधने की कोशिश की है.
बता दें कि, रमेश चंद बिंद तीन बार मझवां से विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में बीजेपी से भदोही लोकसभा से सांसद है. बीजेपी ने टिकट काट दिया तो सपा पार्टी ने रमेश बिंद को प्रत्याशी बना कर मिर्जापुर लोकसभा में बिंद और अन्य पिछड़ा कार्ड खेल दिया है. इसके बाद अब अपना दल एस और सपा प्रत्याशी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. चुनावी मैदान में उनका मुकाबला अपना दल सोनेलाल पार्टी के प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल और बीएसपी प्रत्याशी मनीष त्रिपाठी के साथ अपना दल कमेरावादी के प्रत्याशी दौलत सिंह पटेल से होगा.
रमेश बिंद के अब तक के राजनितिक सफर की बात करें तो बसपा से सामाजिक मिशन के साथ एक कार्यकर्ता के तौर उन्होंने बसपा में इंट्री एक साधारण कार्यकर्ता के तौर हुई थी. विधानसभा चुनाव 2002 बसपा ने मझवां विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा और चुनाव जीतने में सफल रहे. इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. बसपा की ही टिकट पर मझवां विधानसभा से लगातार तीन बार विधायक रहे.