मेरठ :मेरठ कोखेल और खिलाड़ियों की नर्सरी कहा जाता है. यहां के कैलाश प्रकाश स्टेडियम से हर वर्ष कई खिलाड़ी निकलते हैं जो मेरठ जिले के साथ ही विश्वपटल स्तर पर भी मान बढ़ाते हैं. बावजूद इसके यहां के खिलाड़ियों की तकलीफ को कोई भी समझने वाला ही नहीं है. स्टेडियम में तमाम मूलभूत सुविधाएं के अलावा यहां शौचालय की भी व्यवस्था तक नहीं है. ईटीवी भारत ने कई ऐसे ही खिलाड़ियों से बातचीत की. खिलाड़ियों ने उपेक्षा जो तस्वीर हमें दिखाई उससे यहां के प्रबंधन पर सवाल उठने लाजमी हैं.
देश का मान बढ़ाने वाली पैरा खिलाड़ी जैनब खातून कहती हैं कि दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए टॉयलेट तक का इंतजाम स्टेडियम परिसर में नहीं है. इससे हम जैसे सभी खिलाड़ियों को काफी तकलीफ उठानी पड़ रही है. जिला क्रीड़ा भारती के अध्यक्ष अश्वनी कुमार गुप्ता ने बताया कि आज हमारे जिले के बेटे-बेटियां मेडल ला रहे हैं, वे खिलाड़ी अपनी मेहनत और लगन के बल पर ही आगे बढ़ रहे हैं. इसके बावजूद खिलाडियों के लिए सुविधाएं उस लेवल की नहीं हैं. ट्रैक, कोच का न होना बेहद गंभीर विषय है. जब से खिलाड़ियों से पता चला है कि स्टेडियम में शौचालय नहीं तो बेहद कष्ट हुआ है. डीएम समेत प्रदेश सरकार के मंत्री सोमेन्द्र तोमर से भी इस संदर्भ में शीघ्र मुलाकात की जाएगी.