मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर:एमसीबी जिले के खड़गवां जनपद के ग्राम पंचायत बेलबहरा के आश्रित गांव लालपुर की स्थिति बेहद दयनीय है. गांव वालों का कहना है कि एक हजार लोगों की आबादी वाले इस गांव में आजादी के 77 साल बाद भी सड़क नहीं बन पाई है. गांव की तस्वीर देख ऐसा लगता है कि यह कोई ग्रामीण क्षेत्र नहीं, बल्कि चंबल की घाटी का बीहड़ इलाका है, जहां शासन की योजनाएं दम तोड़ देती हैं.
सड़क के लिए तरस रहा लालपुर गांव: दरअसल लालपुर गांव में सड़क न होने की समस्या पिछले 15 सालों से है. हर बार ग्रामीणों को सड़क निर्माण का आश्वासन मिलता है, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं होता. लालपुर गांव के ग्रामीण रामदास ने बताया कि गांव के लोगों ने कई बार सरपंच और सचिव को आवेदन दिया, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला. सड़क की स्वीकृति की बात हमेशा उठती है, लेकिन काम कब शुरू होगा, यह कोई नहीं जानता.
15 साल से ग्रामीणों को मिल रहा आश्वासन (ETV Bharat)
कई बार दे चुके हैं आवेदन:गांव के पूर्व सरपंच प्रताप सिंह ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए कई बार आवेदन दिए गए, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते कोई सुनवाई नहीं हुई. हर बार ग्रामीणों को सिर्फ यह कहा जाता है कि सड़क की स्वीकृति हो गई है, लेकिन कब काम शुरू होगा, इसका कोई जवाब नहीं मिलता.
कई लोग हो चुके हैं हादसे का शिकार:वहीं, गांव के वर्तमान सरपंच मोहन सिंह ने बताया कि गांव के सड़क की स्थिति बदतर है. बड़े-बड़े गड्ढे और कच्ची सड़कें दुर्घटना का कारण बन रही हैं. यदि कोई व्यक्ति इन गड्ढों में गिरता है तो उसकी जान भी जा सकती है. विधायक श्याम बिहारी जायसवाल से सड़क निर्माण के लिए कई बार अनुरोध किया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
विकास से कोसों दूर लालपुर गांव:बता दें कि इस गांव के लोग अब यह सवाल उठाने लगे हैं कि आखिर सड़क निर्माण कब होगा? ग्रामीणों का कहना है कि सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन उनका लालपुर गांव आज भी विकास से कोसों दूर है. सड़क न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की चिकित्सा और व्यापार सभी प्रभावित हो रहा है. वहीं, इस पूरे मामले में किसी भी अधिकारी का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है.