हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

गिराई जाएंगी संजौली मस्जिद की 3 अवैध मंजिलें, कमेटी के आवेदन पर कमिश्रर कोर्ट का फैसला - Sanjauli Mosque case

नगर निगम कोर्ट शिमला में संजौली मस्जिद के तीन मंजिलों को गिराने की अनुमति दे दी है.अब मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी.

संजौली मस्जिद
संजौली मस्जिद (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 5, 2024, 5:06 PM IST

Updated : Oct 5, 2024, 5:25 PM IST

शिमला: संजौली मस्जिद विवाद को लेकर नगर निगम कोर्ट शिमला में सुनवाई चल रही है. शाम चार बजे शुरू हुई सुनवाई के दौरान निगम कोर्ट ने संजौली मस्जिद की 3 अवैध मंजिलों को गिराने की अनुमति दे दी है. इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए 2 महीने का समय दिया गया है. वक्फ बोर्ड की देखरेख ये निर्माण हटाया जाएगा. अवैध मंजिलों को गिराने का खर्च मस्जिद कमेटी को खुद उठाना होगा. बचे हुए ग्राउंड फ्लोर और पहले हिस्से को लेकर अब मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी. अवैध ढांचे को गिराने के लिए 12 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने खुद निगम कोर्ट से अनुमति मांगी थी.

वहीं, निगम कोर्ट ने स्थानीय लोगों को पार्टी बनाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने CPC के नियम- 1/10 के तहत स्थानीय लोगों की अर्जी को समाप्त कर दिया. इससे पहले आज सुबह सुनवाई के दौरान केस में अपीयर हुए नगर निगम के वकील राहुल ने कहा कि,'मामले में तीसरी पार्टी का कोई रोल नहीं है. तीसरी पार्टी की इस केस में कोई जरूरत प्रतीत नहीं होती.' बता दें कि एडवोकेट जगतपाल ठाकुर लोकल रेजीडेंट्स की तरफ से अपीयर हुए हैं. स्थानीय लोग, जिनके घर मस्जिद के समीप हैं, उनकी आपत्तियों को लेकर जगतपाल ठाकुर पेश हुए हैं. पिछली सुनवाई में उन्होंने कहा था कि स्थानीय लोगों का भी पक्ष सुना जाए.

लोकल रेजीडेंट की तरफ से पेश हुए वकील जगतपाल ठाकुर ने आरोप लगाया था,'मस्जिद में अवैध तरीके से मदरसा भी चलाया जा रहा है. ये मदरसा बाद में 31 जुलाई को बंद किया गया. वर्ष 2010 से अवैध निर्माण को लेकर नोटिस दिए जा रहे हैं. आठ साल के अंतराल में पांच मंजिलें बना दी गई, ये अवैध निर्माण है. ग्राउंड फ्लोर का जब निर्माण हो रहा था, तभी से नगर निगम की तरफ से नोटिस दिए जा रहे थे. इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड सलीम टेलर है.आलम ये है कि सीसीटीवी के कैमरों का रुख लोकल लोगों के घरों की तरफ किया गया है. आसपास के लोग परेशान हैं. पुलिस भी सांप्रदायिक तनाव के कारण कुछ नहीं कर रही है. मस्जिद में विशेष समुदाय के व्यक्ति की मौत के बाद सपुर्द-ए-खाक की तैयारी के लिए शव को नहलाने की प्रक्रिया यहीं परफॉर्म करने का भी आरोप लगाया गया.'

लोकल रेजीडेंट्स की तरफ से पेश हुए वकील जगतपाल ठाकुर ने सुबह सुनवाई के दौरान कई बिंदुओं पर आपत्ति जताई थी. जगतपाल ठाकुर ने कहा था कि, '15 साल में 254 (1) के तहत कार्यवाही क्यों नहीं हुई? वर्ष 2010 में ये रिपोर्ट आई थी कि ग्राउंड फ्लोर कानूनी रूप से गलत बना है तो उसके ऊपर इतनी मंजिलें कैसे बनी? इस दौरान मस्जिद कमेटी की तरफ से कहा गया कि ढाई मंजिल तक का निर्माण वैध हो तो वकील जगतपाल ने कहा कि उसका नक्शा पेश किया जाए.'वहीं, जगतपाल का तर्क था कि 2002-03 में जमीन के आगे कागजों में कई मस्जिद नहीं है. इसके अलावा 1997-98 की जमाबंदी बताती है कि खसरा नंबर 66 के आगे कोई मस्जिद नहीं है. लोकल रेजीडेंट्स के वकील जगतपाल ठाकुर ने वक्फ बोर्ड के मालिकाना हक और उन्हें इस केस में देर से पार्टी बनाए जाने पर सवाल उठाए थे.

ये भी पढ़ें:संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का मामला, कमिश्नर कोर्ट में सुनवाई, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

Last Updated : Oct 5, 2024, 5:25 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details