शिमला: हिमाचल के समोसा प्रकरण में CID ने अपनी जांच को लेकर सफाई दी है. CID डीजी एसआर ओझा ने बताया कि राज्य गुप्तचर विभाग के आंतरिक मामले के संबंध में कई पोस्ट शेयर की जा रही हैं जिसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है.
अपनी सफाई में CID ने कहा 21 अक्टूबर 2024 को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 1930 हेल्पलाइन डाटा सेंटर के उद्घाटन और राज्य गुप्तचर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक के लिए राज्य गुप्तचर विभाग कार्यालय का दौरा किया था.
इस दौरान एक अधिकारी ने जल पान प्रबंधों विशेष रूप से पर्यटन विभाग एवं बाहर से लाई गई खाद्य सामग्री की तरफ ध्यान दिलाया. इसमें यह बात संज्ञान में आई कि मुख्यमंत्री को कुछ खाद्य सामग्री नहीं परोसी गई जिस पर गुप्तचर विभाग के पुलिस महानिदेशक ने यह पता लगाना चाहा कि ये खाने योग्य चीजें भोजन की सूची से कैसे गायब हो गईं. गुप्तचर विभाग हिमाचल प्रदेश का एक अनुशासित संगठन है और यह राज्य गुप्तचर विभाग का आंतरिक मामला है और इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में 'समोसे पर सियासत' चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल सीआईडी के एक सम्मेलन में जो समोसे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाए गए थे, उन्हें गलती से सुरक्षाकर्मियों में बांट दिया गया जिसके बाद सीआईडी ने इसकी जांच करवाई और रिपोर्ट तैयार की. रिपोर्ट में इस सारी घटना को 'सरकार विरोधी' बताया गया है. CID की रिपोर्ट वायरल होने के बाद जमकर बवाल मचा जिसे बीजेपी ने जमकर भुनाया.
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