पलामू:लातेहार पुलिस के सामने 15 लाख इनामी माओवादी कमांडर नीरज सिंह खरवार ने आत्मसमर्पण किया है. आत्मसर्मपण के बाद नीरज सिंह खरवार ने पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष कई खुलासे किए हैं. नीरज सिंह खरवार ने पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों को बताया है कि माओवादियों के पास दस्ते में सदस्य नहीं हैं, सिर्फ कमांडर हैं. माओवादियों के टॉप कमांडर पैसे को लेकर भी विवाद है. नीरज सिंह खरवार पुलिस और सुरक्षा एजेंसी के समक्ष खुलासा किया है कि माओवादी कमांडर लवी के पैसे को लेकर एक दूसरे से दूरी बना रहे हैं.
बूढ़ापहाड़ छकरबंधा कॉरिडोर में कौन-कौन से माओवादी कमांडर हैं सक्रिय
बूढ़ापहाड़ छकरबंधा कॉरिडोर माओवादियों के झारखंड बिहार उतरी छत्तीसगढ़ कमिटी का हिस्सा है. इसी कमिटी में माओवादियों का मध्य जोन पलामू, चतरा बिहार का गया, औरंगाबाद, रोहतास का इलाका जबकि कोयल शंख जोन गढ़वा, लातेहार, आधा पलामू, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा का इलाका शामिल है. गुमला लोहरदगा लातेहार सीमा पर टॉप 15 लाख के इनामी कमांडर छोटू खरवार के नेतृत्व में दस्ता सक्रिय है.
माओवादियों के पास दस्ते में बेहद ही कम संख्या बची है. पुलिस एवं सुरक्षाबलों का लगातार अभियान चल रहा है. इस दौरान कई माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. माओवादी कमांडर लेवी के लिए एक दूसरे पर भरोसा नहीं कर रहे है. नीरज सिंह खरवार का आत्मसमर्पण करना पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. - अंजनी अंजन, एसपी लातेहार
लोहरदगा, लातेहार, चतरा सीमा पर 15 लाख के इनामी रबीन्द्र गंझू, पलामू, लातेहार, चतरा सीमा पर 15 लाख इनामी मनोहर गंझु, पलामू और बिहार के गया औरंगाबाद सीमा पर नितेश यादव और सुनील विवेक के नेतृत्व में माओवादी दस्ता सक्रिय है. सभी सक्रिय दस्ते में चार से पांच की संख्या में कमांडर ही बचे हैं.
कभी इस कॉरिडोर में माओवादियों के पास 3500 से 4000 हुआ करता था कैडर